महीनों से फंड नहीं होने की बात कह कर हमारा भुगतान रोक दिया गया है. हमारे साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है. पद रिक्त रहने के बावजूद वर्षों से काम कर रहे खतियान लेखन कर्मचारियों के समायोजन पर विचार भी नहीं किया जाता है. सरकार हमें कुशल मजदूर मानते हुए भुगतान में थोड़ी भी वृद्धि कर दे, तो हम लोगों को तंगहाली से राहत मिलेगी.
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खतियान लेखन कर्मियों को नहीं मिल रहा है वेतन
रांची : रांची बंदोबस्त कार्यालय में खतियान लेखन का काम करने वालों को वेतन नहीं मिल रहा है. दैनिक वेतन (उजरत) पर काम करने वाले इन कर्मचारियों को दशहरा और दीवाली में भी भुगतान नहीं किया गया. अंग्रेजों के जमाने से खतियान लेखन करने की व्यवस्था अब तक उसी पद्धति पर ही चल रही है. […]
रांची : रांची बंदोबस्त कार्यालय में खतियान लेखन का काम करने वालों को वेतन नहीं मिल रहा है. दैनिक वेतन (उजरत) पर काम करने वाले इन कर्मचारियों को दशहरा और दीवाली में भी भुगतान नहीं किया गया. अंग्रेजों के जमाने से खतियान लेखन करने की व्यवस्था अब तक उसी पद्धति पर ही चल रही है. इन कर्मचारियों को प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जाता है. भू-राजस्व विभाग इस काम के लिए अलग से फंड जारी कर करता है.
रांची बंदोबस्त कार्यालय में दैनिक वेतन पर काम करने वाले 34 खतियान लेखनकर्मी कई वर्षों से काम कर रहे हैं. सभी को फंड नहीं होने की वजह से भुगतान नहीं किया जा सका है. भू-बंदोबस्त दैनिक उजरत भोगी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष नीरज कुमार शर्मा कहते हैं कि न्यूनतम मजदूरी दर पर काम करने वाले खतियान लेखनकर्मियों की दीपावली इस बार फीकी रही.
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