शराब की 180 एमएल की एक बोतल पर पांच से 20 रुपये तक ज्यादा वसूली की जा रही है. प्रिंट रेट से अधिक वसूली गयी राशि के साझीदार शराब के सेल्समैन से लेकर दुकानों का संचालन से जुड़ी कंपनियां भी हैं.
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प्रिंट रेट से ज्यादा वसूल रहे हैं शराब दुकानदार
रांची: सरकार द्वारा खुद शराब की खुदरा बिक्री करने के बाद भी दुकानों से प्रिंट रेट से अधिक राशि वसूली जा रही है. शराब के लगभग सभी ब्रांडों की कीमत बढ़ा कर ली जा रही है. इसके अलावा दुकानों पर लगने वाली भारी भीड़ का फायदा उठा कर खुदरा नहीं होने के बहाने भी शराब […]
रांची: सरकार द्वारा खुद शराब की खुदरा बिक्री करने के बाद भी दुकानों से प्रिंट रेट से अधिक राशि वसूली जा रही है. शराब के लगभग सभी ब्रांडों की कीमत बढ़ा कर ली जा रही है. इसके अलावा दुकानों पर लगने वाली भारी भीड़ का फायदा उठा कर खुदरा नहीं होने के बहाने भी शराब के सेल्समैन अच्छी कमाई कर रहे हैं.
शराब की 180 एमएल की एक बोतल पर पांच से 20 रुपये तक ज्यादा वसूली की जा रही है. प्रिंट रेट से अधिक वसूली गयी राशि के साझीदार शराब के सेल्समैन से लेकर दुकानों का संचालन से जुड़ी कंपनियां भी हैं.
फिर से बहाल हो गयी पुरानी व्यवस्था
इसी साल पहली अगस्त से राज्य सरकार ने शराब की खुदरा दुकानों का संचालन अपने हाथ में लिया था. उत्पाद विभाग ने निजी कंपनी का चयन कर शराब दुकानों का संचालन शुरू किया था. शुरू में दुकानों की संख्या काफी कम थी. बावजूद इसके उनके लिए मैनपॉवर मुहैया कराते हुए सफल संचालन करने में परेशानियां शुरू हो गयीं. दुकानों की संख्या जैसे-जैसे बढ़ती गयी, निजी कंपनी के लिए परेशानी बड़ी होती गयी. अब सूचना है कि कंपनी ने राज्य में शराब के पुराने व्यवसायियों के साथ साझेदारी कर ली है. अब शराब का संचालन पूर्व में शराब के धंधे से जुड़े लोग ही कर रहे हैं. दुकानों पर शराब के पुराने सेल्समैन ही नजर आने लगे हैं.
ब्रांड प्रिंट रेट वसूल रहे
रॉयल स्टैग 140 150
रॉयल चैलेंज 140 150
ब्लेंडर्स प्राइड 190 200
इंपीरियल ब्लू 130 140
मैकडवल 120 130
सिग्नेचर प्रीमियम 175 180
एंटीक्विट 230 250
ब्लैक डॉग 330 350
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