बीएयू से संबंधित किसी भी तरह के न्यायिक वादों आदि मामलों का निष्पादन राज्यपाल सचिवालय के स्तर से ही किया जाना समीचीन प्रतीत होता है. डॉ कौशल का नियुक्ति पत्र राज्यपाल सचिवालय के स्तर से निर्गत किया गया है. ऐसे में उन पर लगाये गये आरोपों पर आग्रेतर कार्रवाई राज्यपाल सचिवालय के स्तर से ही किया जाना ठीक होगा.
इस संबंध में उत्तम कुमार नाम के व्यक्ति ने उच्च न्यायालय में मामला दायर किया है. उनका आरोप है कि डॉ कौशल से संबंधित जानकारी राज्यपाल सचिवालय द्वारा छिपायी जा रही है. राज्यपाल सचिवालय द्वारा डॉ कौशल को लाभ पहुंचाने के लिए सारे नियमों को ताक पर रखा गया है. उनके कुलपति बनने की अधिसूचना निर्गत करने के पहले भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से स्वच्छता प्रमाण पत्र की मांग नहीं की गयी. डॉ कौशल के पूर्व संस्थान डॉ वाइएस परमार औद्योगिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सोलन, हिमाचल प्रदेश से भी स्वच्छता प्रमाण पत्र नहीं लिया गया. उनके पूर्व नियोजित कार्यालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं लिया गया. परिवादी ने न्यायालय से बीएयू के कुलपति पद के लिए हुई डॉ कौशल की नियुक्ति की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से जांच कराने की भी मांग की है.