पेट्रोलियम कंपनियों ने टैंकर से पेट्रोल व डीजल चोरी रोकने के लिए टैंकर में भले ही जीपीएस सिस्टम लगवा दिया है, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं है. डिपो से टैंकर में पेट्रोल या डीजल भरने के बाद उसके लीवर बॉक्स में लॉक लगाया जाता है. इसके बाद भी टैंकर ड्राइवरों ने टैंकर से डीजल व पेट्रोल चोरी करने का तरीका ईजाद कर लिया है.
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नकली चाबी बना कर टैंकरों से हो रही पेट्रोल-डीजल की चोरी
रांची : टैंकरों से पेट्रोल व डीजल की चोरी लगातार जारी है. कोशिशों के बाद भी चोरी करने वालों पर लगाम नहीं लग रही है. डिपो से पेट्रोल और डीजल की सप्लाइ करने वाले टैंकर ड्राइवर टैंकरों से चोरी और मिलावट का खेल कर रहे हैं. जानकार बताते हैं कि हर माह रांची में ही […]
रांची : टैंकरों से पेट्रोल व डीजल की चोरी लगातार जारी है. कोशिशों के बाद भी चोरी करने वालों पर लगाम नहीं लग रही है. डिपो से पेट्रोल और डीजल की सप्लाइ करने वाले टैंकर ड्राइवर टैंकरों से चोरी और मिलावट का खेल कर रहे हैं. जानकार बताते हैं कि हर माह रांची में ही अकेले तीन से साढ़े तीन करोड़ रुपये की पेट्रोल व डीजल की चोरी हो रही है.
पेट्रोलियम कंपनियों ने टैंकर से पेट्रोल व डीजल चोरी रोकने के लिए टैंकर में भले ही जीपीएस सिस्टम लगवा दिया है, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं है. डिपो से टैंकर में पेट्रोल या डीजल भरने के बाद उसके लीवर बॉक्स में लॉक लगाया जाता है. इसके बाद भी टैंकर ड्राइवरों ने टैंकर से डीजल व पेट्रोल चोरी करने का तरीका ईजाद कर लिया है.
नकली चाबी या टैंकर की फिटिंग में छेड़छाड़ : चोरी के लिए नकली चाबी से लेकर टैंकर की फिटिंग तक में छेड़छाड़ कर ड्राइवर आसानी से लॉक खोल देते हैं. एक चाबी डिपो और दूसरी चाबी डीलर के पास होती है, लेकिन वे जुगाड़ से इसकी चाबी भी नकली बना ले रहे हैं. इसका खुलासा भी हाल में जमशेदपुर के एक डीलर ने किया. चाबी का जो गुच्छा हाथ में आया है, उस चाबी से लगभग 80 पेट्रोल पंपों में आने वाले टैंकरों का ताला खुल सकता है. इसके अलावा टैंकर के डीप पाइप में भी छेड़छाड़ कर तेल की चोरी की जा रही है. बाद में डीप पाइप के छेद को वेल्डिंग कर बंद कर दिया जाता है. विशेष तौर पर ऑर्डर देकर बनाये गये ताले की चाबी भी नकली बना कर चोरी हो रही है.
लोडिंग चेंबर खोल कर भी कर रहे चोरी : टैंकर के ऊपर से लोडिंग चैंबर का ढक्कन खोल कर भी पाइप से 100 से 150 लीटर तेल निकाल लिया जाता है. जब टैंकर पंप पहुंचता है, तो पंप संचालक टैंकर के ऊपर डीप पाइप से एल्युमिनियम के डीप स्केल से डीप लेकर चालान में अंकित डीप से मिलान कर तेल अनलोड करते हैं, लेकिन जैसे ही तेल खाली होता है और पंप के अंडरग्राउंड टैंक की गणना की जाती है, तो पता चलता है कि तेल लगभग 100 या 150 लीटर कम है.
पकड़ में नहीं आने के लिए भी जुगाड़ : चोरी किये गये तेल को मिलाने के लिए टैंकर का डीप पाइप, जो बांसुरी की तरह होता है़ उसमें नियमतः 25 छेद रहते हैं, उसके कुछ छेदों को बंद कर देते हैं. लगभग 100 एमएल या चोरी किये गये तेल के हिसाब से वे डीजल में पेट्रोल डाल देते हैं. डीजल से पेट्रोल का घनत्व कम रहता है, इसलिए पेट्रोल ऊपर ही रह जाता है और डीजल आसानी से मिल जाता है.
चोरी पकड़े जाने पर मारपीट पर होते हैं उतारू : टैंकर से चोरी पकड़े जाने पर चोरी करने वाले मारपीट पर उतारू हो जाते हैं. तीन दिन पहले बोकारो के एचपीसीएल टर्मिनल में पहुंचे एक डीलर को तेल चोरी करने वालों ने ने घेर लिया और गाली-गलौज के साथ परिणाम भुगतने की चेतावनी दी. इस पर खाद्य आपूर्ति विभाग की पेट्रोलियम जांच समिति के सदस्य राजीव सिंह ने बालीडीह थाने में पेट्रोल-डीजल चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. वहीं तीन माह पहले नामकुम डिपो के पास भी टैंकर से चोरी करते हुए टैंकर ड्राइवर को पकड़ा गया था, तो उनलोगों ने उन पर हमला कर दिया था. किसी तरह वे जान बचा कर भागे थे.
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