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रिम्स किचन का हाल: पतला दही और मोटे चावल के लिए 52 लाख का बिल

रांची : रिम्स प्रबंधन ने अस्पताल के किचन को आउटसोर्स कर इसका जिम्मा दिल्ली की एजेंसी प्राइम सर्विसेज को दे दिया है. कोशिश थी कि मरीजों को बेहतर गुणवत्ता वाला नाश्ता और भोजन मुहैया कराया जाये, लेकिन हालात अब भी नहीं बदले. मरीजों को आज भी पतला दही और मोटा चावल परोसा जा रहा है. […]

रांची : रिम्स प्रबंधन ने अस्पताल के किचन को आउटसोर्स कर इसका जिम्मा दिल्ली की एजेंसी प्राइम सर्विसेज को दे दिया है. कोशिश थी कि मरीजों को बेहतर गुणवत्ता वाला नाश्ता और भोजन मुहैया कराया जाये, लेकिन हालात अब भी नहीं बदले. मरीजों को आज भी पतला दही और मोटा चावल परोसा जा रहा है. मजे की बात यह है कि मरीजों को भोजन उपलब्ध कराने के एवज में एजेंसी ने अगस्त के लिए अस्पताल प्रबंधन को 52 लाख, 48 हजार, 212 रुपये का बिल भी भेज दिया है.
प्राइम सर्विसेज द्वारा रिम्स प्रबंधन को भेजे गये बिल के अनुसार अगस्त में मरीजों ने 15 लाख, 36 हजार, 675 रुपये का सुबह का नाश्ता किया है. करीब 13 लाख, 35 हजार रुपये दोपहर के भोजन खर्च किये गये. जबकि, रात के भोजन पर करीब 12 लाख, 47 हजार का खर्च आया है. वहीं, 03 लाख, 26 हजार रुपये का लिक्विड मरीजों को दिया गया है. हालांकि, आउटसोर्सिंग एजेंसी द्वारा अस्पताल प्रबंधन को भेजे गये इस बिल को लेकर सवाल उठ रहे हैं.
बेहतर सेवा के लिए आउटसोर्स हुआ था किचन : जब रिम्स के किचन का जिम्मा दिल्ली की एजेंसी प्राइम सर्विसेज को दिया जा रहा था, तो प्रबंधन ने तर्क दिया था कि यह एजेंसी मरीजों को बेहतर क्वालिटी का नाश्ता और खाना मुहैया करायेगी. मरीजों को उनके बेड तक हाइजेनिक खाना पहुंचाया जायेगा. इसी दावे के आधार पर खाना की दर को 80 रुपये से बढ़ाकर 96 रुपये किया गया है. इधर, रिम्स के विभिन्न वार्डों में भर्ती मरीजों की मानें, तो उन्हें जो भोजन उपलब्ध कराया जाता है, उसकी मात्र निर्धारित मानक से कम होती है. खाने में उन्हें पानी युक्त दही, मोटा चावल, कम मात्रा में सब्जी दी जा रही. जो फल दिये जाते हैं, उनका आकार और वजन भी कम निर्धारित मानकों को कम होते हैं.
आउटसोर्सिंग एजेंसी को
एक मरीज पर करीब 100 रुपये मिलते हैं. अस्पताल में 1300-1350 मरीज तक अस्पताल में प्रतिदिन भर्ती रहते हैं. इतने मरीजों को तीन वक्त को भोजन उपलब्ध कराना है. प्रतिदिन निरीक्षण हो रहा है. अगर एजेंसी की व्यवस्था और सेवा में कुछ कमियां हैं, तो उसे सुधारने के लिए निर्देश दिया जायेगा.
डॉ विवेक कश्यप, अधीक्षक रिम्स

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