बैठक में पीएमसीएच एवं एमजीएम के प्राचार्य शामिल हुए. प्राचार्यों को निर्देश दिया कि कैसे अस्पताल की स्वास्थ्य सेवा को बेहतर किया जाये उस पर काम करें. मरीजों को हर हाल में बेहतर सुविधा मिलनी चाहिए. जीवन रक्षक उपकरणों की कमी को दूर करने के लिए शीघ्र खरीदारी की जायेगी. स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों की पदोन्नति का कार्य शीघ्र करने का निर्देश दिया.
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अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवा बेहतर करें डाॅक्टर: चंद्रवंशी
रांची : स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी को रिक्त पदों पर यथाशीघ्र नियुक्ति करने का आदेश दिया है. मंत्री ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवा को दुरुस्त करने के लिए मैनपावर को भरने आवश्यकता है, एेसे में सृजित पदों पर भरने की प्रक्रिया शुरू की जाये. […]
रांची : स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी को रिक्त पदों पर यथाशीघ्र नियुक्ति करने का आदेश दिया है. मंत्री ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सेवा को दुरुस्त करने के लिए मैनपावर को भरने आवश्यकता है, एेसे में सृजित पदों पर भरने की प्रक्रिया शुरू की जाये. वह शनिवार को नेपाल हाउस में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे.
बैठक में पीएमसीएच एवं एमजीएम के प्राचार्य शामिल हुए. प्राचार्यों को निर्देश दिया कि कैसे अस्पताल की स्वास्थ्य सेवा को बेहतर किया जाये उस पर काम करें. मरीजों को हर हाल में बेहतर सुविधा मिलनी चाहिए. जीवन रक्षक उपकरणों की कमी को दूर करने के लिए शीघ्र खरीदारी की जायेगी. स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों की पदोन्नति का कार्य शीघ्र करने का निर्देश दिया.
दो माह में काम करने लगेगा रिम्स का ट्रामा सेंटर : स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि रिम्स का ट्रामा सेंटर दो माह में शीघ्र पूरा किया जायेगा. इसे चालू करने के लिए डॉक्टर, नर्स एवं पारा मेडिकल स्टॉफ की नियुक्ति की जायेगी. रिम्स प्रबंधन से प्रस्ताव आया है, जिस पर विचार किया जा रहा है. साथ ही राज्य मेें 13 एसएनसीयू काे शीघ्र संचालित किया जायेगा. इसकी प्रक्रिया चल रही है. एसएनसीयू के संचालित होने से राज्य के जिला अस्पतालों में छोटे-छोटे बच्चों का इलाज वहीं हो पायेगा. इससे शिशु मृत्यु दर में कमी आयेगी.
राष्ट्रीय मानक के करीब है राज्य का आंकड़ा
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि शिशु मृत्यु दर में राष्ट्रीय मानक 37 है, जबकि राज्य में 32 प्रतिशत है. शून्य से 28 दिन के बच्चों का मृत्यु दर 25 है, जबकि राज्य का आंकड़ा 23 प्रतिशत है. वहीं शून्य से पांच साल का राष्ट्रीय आंकड़ा 44 है, जबकि राज्य का आंकड़ा 39 प्रतिशत है. हमारा प्रयास है कि हम राष्ट्रीय आंकड़ा तक पहुंचे. यह राज्य में 13 एनआइसीयू के संचालन के बाद संभव हो पायेगा.
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