रांची : मानवशास्त्री, शिक्षाविद सह आदिवासी संघर्ष मोर्चा के मुख्य संयोजक डाॅ करमा उरांव ने कहा है कि धर्मांतरण विधेयक की आड़ में भाजपा व आरएसएस की मंशा है कि सरना धर्म के अनुयायियों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो. सीएम व इन संस्थाओं के प्रतिनिधि कहते हैं कि सरना-सनातन एक है, जो गलत […]
रांची : मानवशास्त्री, शिक्षाविद सह आदिवासी संघर्ष मोर्चा के मुख्य संयोजक डाॅ करमा उरांव ने कहा है कि धर्मांतरण विधेयक की आड़ में भाजपा व आरएसएस की मंशा है कि सरना धर्म के अनुयायियों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो. सीएम व इन संस्थाओं के प्रतिनिधि कहते हैं कि सरना-सनातन एक है, जो गलत है़
यह सरना धर्मावलंबियों के हिंदूकरण की ओर एक सुनियोजित कदम है़ सरना धर्म व संस्कृति ने हजारों सालों से आर्य संस्कृति को झेलते हुए अपना अस्तित्व कायम रखा है़
उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक में सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन के विलोपन से रैयतों को अधिग्रहण के दौरान अपना पक्ष रखने का मौका नहीं मिलेगा़ राज्य सरकार द्वारा एकतरफा प्रक्रिया होगी़ .
सुप्रीम कोर्ट के समता निर्णय के तहत क्रेता व विक्रेता के बीच सहमति का अवसर नहीं मिलेगा़ इस विधेयक के तहत होनेवाली खरीद-बिक्री सीएनटी व एसपीटी एक्ट के प्रावधानों से नियंत्रित और परमिशन के दायरे में होनी चाहिए, चाहे क्रेता राज्य सरकार ही क्यों न हो.