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स्टूडेंट सेक्शन के सामने स्थित कमरे को बताया गया था गर्ल्स कॉमन रूम, एमसीआइ को दिखाने के लिए बनाया गर्ल्स कॉमन रूम, अब बना दिया दवा का स्टोर

रांची: मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) के सामने अपनी छवि को बेहतर बनाने के लिए रिम्स प्रबंधन तरह-तरह के हथकंडे अपनाता है. स्टूडेंट सेक्शन के सामने स्थित कमरा इसका जीवंत उदाहरण है. प्रबंधन वैसे तो इस कमरे को गर्ल्स कॉमन रूम बताता है, लेकिन फिलहाल यह दवाओं का भंडारण कक्ष बन गया है. पिछली बार […]

रांची: मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) के सामने अपनी छवि को बेहतर बनाने के लिए रिम्स प्रबंधन तरह-तरह के हथकंडे अपनाता है. स्टूडेंट सेक्शन के सामने स्थित कमरा इसका जीवंत उदाहरण है. प्रबंधन वैसे तो इस कमरे को गर्ल्स कॉमन रूम बताता है, लेकिन फिलहाल यह दवाओं का भंडारण कक्ष बन गया है.
पिछली बार एमसीआइ की टीम जब रिम्स का निरीक्षण करने आयी थी, तो रिम्स प्रबंधन ने इस कमरे को गर्ल्स कॉमन रूम के रूप में पेश किया था. टीम के निरीक्षण के कुछ महीनों बाद गर्ल्स कॉमन रूम का उपयोग दवाओं के भंडारण के रूप में किया जा रहा है. जहां पहले कुर्सियां लगी रखी गयी थीं, वहां आज दवाओं का कार्टून (बक्सा) रखा गया है. इसकी जानकारी रिम्स की छात्राओं को भी नहीं है.
प्रबंधन का तर्क
गर्ल्स कॉमन रूम का उपयोग दवाओं के भंडार गृह के रूप में करने पर प्रबंधन का कहना है कि छात्राएं कॉमन रूम का उपयोग नहीं करती थी, इसलिए यहां दवाएं रखी जा रही हैं. जब छात्राएं उपयोग करने लगेगी, तो दवाओं को हटा दिया जायेगा. रिम्स निदेशक डॉ बीएल शेरवाल का कहना है कि छात्राओं के लिए एकेडमिक ब्लॉक तैयार किया जा रहा है. भवन निर्माण हो जाने के बाद विद्यार्थियों के लिए लाइब्रेरी, कॉमन रूम, जिम एवं कैटीन है, लेकिन इसमें समय लगेगा.

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