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इंडोस्कोपी विधि से होगा पित्त की नली का इलाज

रिम्स के लिए बड़ी उपलब्धि, मरीजों को नि:शुल्क मिलेगा इसका लाभ रांची : रिम्स के सर्जरी विभाग में पित्त की नली से जुड़ी बीमारियों और पथरी का इलाज अब इंडोस्कोपी विधि से होगा. मेडिकल की भाषा में इसे इआरसीपी (इंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड फोलेंजियो पैंक्रियाटिकोग्राफी) विधि कहा जाता है. इसमें बिना चीरा लगाये ही मरीज की पित्त […]

रिम्स के लिए बड़ी उपलब्धि, मरीजों को नि:शुल्क मिलेगा इसका लाभ
रांची : रिम्स के सर्जरी विभाग में पित्त की नली से जुड़ी बीमारियों और पथरी का इलाज अब इंडोस्कोपी विधि से होगा. मेडिकल की भाषा में इसे इआरसीपी (इंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड फोलेंजियो पैंक्रियाटिकोग्राफी) विधि कहा जाता है. इसमें बिना चीरा लगाये ही मरीज की पित्त की नली में होनेवाली बीमारियों का ऑपरेशन किया जाता है.
सर्जरी विभाग में इस विधि से ऑपरेशन की शुरुआत 19 अगस्त से शुरू होगी. फिलहाल विभाग ने तय किया है कि हर सप्ताह में एक या दो दिन इस विधि से ऑपरेशन किया जायेगा. जैसे-जैसे मरीजों की संख्या बढ़ेगी, अॉपरेशन के दिनों को बढ़ाया जायेगा. शनिवार को सर्जरी विभाग के ऑपरेशन थियेटर में 10 ऑपरेशन करने की योजना बनी है.
सभी ऑपरेशन जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डॉ श्यामसुंदर शर्मा की देखरेख में होंगे. रिम्स सर्जरी विभाग के अन्य डॉक्टर उनके निर्देशन में अॉपरेशन में सहयोग करेंगे. सभी ऑपरेशन का लाइव प्रसारण पास ही के टेलीमेडिसिन हॉल में बड़े स्क्रीन पर किया जायेगा. ऑपरेशन देख रहे डॉक्टर डॉ श्यामसुंदर शर्मा से सीधे सवाल भी पूछ सकेंगे.
मरीजों को नहीं देना होगा पैसा : रिम्स की सर्जरी के विभागाध्यक्ष डाॅ आरजी बाखला ने बताया कि पित्त की नली से जुड़ी बीमारियों की सर्जरी के लिए मरीजों को निजी अस्पताल में 50 से 60 हजार रुपये देने पड़ते हैं. लेकिन, रिम्स में इंडोस्कोपी विधि से सर्जरी के लिए मरीजाें को एक भी पैसा नहीं देना पड़ेगा. हां! कुछ जरूरी दवाएं मरीजों को खुद लानी पड़ सकती हैं.
पित्त की नली में रुकावट या पथरी होने से मरीज काे जोंडिस हो जाता है, जिसमें स्टेंट लगाना पड़ता है. वर्तमान में चीरा लगा कर ऑपरेशन किया जाता है, लेकिन अब रिम्स में भी इंडोस्कोपी से बिना चीरा लगाये यह ऑपरेशन संभव हो गया है.
डॉ शीतल मलुआ, चिकित्सक, सर्जरी विभाग, रिम्स

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