रांची: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि भागलपुर में जो घोटाला उजागर हुआ है, उसके जिम्मेवार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व सुशील मोदी हैं. उस वक्त नीतीश कुमार मुख्यमंत्री व सुशील मोदी उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री के पद पर थे. इस मामले की जांच सीबीआइ से करायी जाये. उन्हाेंने कहा कि वह सीबीआइ पटना कार्यालय […]
रांची: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि भागलपुर में जो घोटाला उजागर हुआ है, उसके जिम्मेवार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व सुशील मोदी हैं. उस वक्त नीतीश कुमार मुख्यमंत्री व सुशील मोदी उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री के पद पर थे. इस मामले की जांच सीबीआइ से करायी जाये.
उन्हाेंने कहा कि वह सीबीआइ पटना कार्यालय को ज्ञापन भी सौंपेंगे. सीबीआइ दिल्ली मुख्यालय से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है. श्री लालू गुरुवार को राजकीय अतिथिशाला में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार व सुशील मोदी के संरक्षण में ये घोटाले हुए हैं. प्रारंभिक जांच में तीन सौ करोड़ का घोटाला सामने आया है, लेकिन इसकी जांच की जाये तो एक हजार करोड़ से ज्यादा का घोटाला सामने आयेगा. यह घोटाला केवल भागलपुर में ही नहीं अन्य जिलों में भी हुआ है.
उन्होंने कहा कि सरकार के संरक्षण में सरकारी धन की लूट व गबन हुआ है. इस गबन से नीतीश कुमार व सुशील कुमार मोदी बच नहीं सकते हैं. यह मामला खुल रहा था, तब नीतीश कुमार ने राज्य के एसआइटी को जांच के लिए भेजा, ताकि इस पर पर्दा डाला जा सके. जीरो टालरेंस की बात करते हैं. वह कहते थे कि समझौता नहीं करेंगे, लेकिन उनके अंदर कितना छेद था यह बात सामने आ गयी है. जांच हुई तो मंत्री-विधायक समेत कई अधिकारी भी फंसेंगे़
सृजन नामक संस्था के खाते में डाला गया पैसा
श्री लालू ने बताया कि सृजन नाम की संस्था है, जिसे मनोरमा देवी ने बनायी थी. उनके निधन के बाद उनकी बेटी देखरेख कर रही है. इनलोगों का लगाव सृजन संस्था के व्यवस्थापक से है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस संस्था का संरक्षण मंत्री-विधायक व बड़े-बड़े अफसर कर रहे हैं. नीतीश व सुशील मोदी ने अपने चहेते अफसरों को कलेक्टर बनाया और को-ऑपरेटिव का प्रभार दिया. इससे नीतीश कुमार को अलग से नहीं देखा जा सकता है. सारे नियम-कानून को तोड़ कर सरकारी राशि का जिनके खाते में जमा कराने का दबाव बनाया जाता था, वो कौन लोग थे? किनके आदेश से हुआ है, उनके नामों का खुलासा होना चाहिए.