सीएम ने अस्पताल प्रबंधक सुभाषिणी चंद्रिका तिर्की को निलंबित करने का आदेश दे दिया है. गौरतलब है कि पांच अगस्त को गुमला सदर अस्पताल में बसिया प्रखंड के केदली ग्राम निवासी सुमन सिंह (पिता-करन सिंह) की मौत हो गयी. वहीं, शव को गांव ले जाने के लिए अस्पताल की ओर एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं की गयी. मुख्यमंत्री ने अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की जांच करने का आदेश उपायुक्त को दिया था. इधर, सस्पेंड होने की जानकारी मिलने पर प्रबंधक सुभाषिणी चंद्रिका अस्पताल में ही रोने लगीं. उन्होंने सिविल सर्जन डॉ जेपी सांगा से मुलाकात की और कहा कि मैंने कोई गलती नहीं की. फिर भी मुझे सस्पेंड कर दिया गया.
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गुमला सदर अस्पताल प्रबंधक निलंबित
रांची/गुमला. गुमला में मासूम सुमन सिंह की मौत और बच्चे के शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिलने को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने काफी गंभीरता से लिया है. सीएम ने अस्पताल प्रबंधक सुभाषिणी चंद्रिका तिर्की को निलंबित करने का आदेश दे दिया है. गौरतलब है कि पांच अगस्त को गुमला सदर अस्पताल में […]
रांची/गुमला. गुमला में मासूम सुमन सिंह की मौत और बच्चे के शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिलने को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने काफी गंभीरता से लिया है.
एसडीओ की जांच रिपोर्ट सरकार को भेजी गयी : दूसरी ओर, डीसी श्रवण साय के निर्देश पर एसडीओ केके राजहंस व बीडीओ उमेश कुमार स्वांसी सदर अस्पताल पहुंचे और बच्चे की मौत के विभिन्न पहलुओं की जांच की. जांच रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेज दी गयी है. एसडीओ की जांच में बच्चे की मौत में अस्पताल प्रशासन को दोषी पाया गया है. दवा नहीं मिलने व समय पर इलाज नहीं होने से सुमन की मौत होने की बात कही गयी है. सुमन की मौत के बाद शव को ले जाने के लिए अस्पताल प्रशासन ने एंबुलेंस भी उपलब्ध नहीं कराया. जिस कारण पिता करण सिंह अपने बेटे के शव को पीठ पर लादकर घर ले गया. एसडीओ ने अपनी जांच रिपोर्ट में गुमला सदर अस्पताल के पूरे सिस्टम को दोषी ठहराया है. इधर, प्रशासन ने पीड़ित परिवार के घर पहुंचकर पूरे घटना की जानकारी ली.
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