विभाग के चिकित्सकों ने बताया कि एजेंसी से रेट ऑफ कॉन्ट्रेक्ट हो जाने के बाद स्टेंट और पेसमेकर की जितनी आवश्यकता होगी, उतना मंगाया जायेगा. बीपीएल का पैसा रिम्स देगा और एपीएल काे पैसा मरीज को स्वयं वहन करना पड़ेगा. स्टेंट और पेसमेकर के अलावा एंजियोग्राफी का सामान उपलब्ध कराने पर भी विचार हुआ.
रिम्स निदेशक ने कहा : हम एंजियोग्राफी का सामान उपलब्ध कराने को तैयार हैं, लेकिन कार्डियोलॉजी विभाग के डाॅक्टरों काे यह सुनिश्चित करना होगा कि वह सामान का उपयोग करेंगे. इसके अलावा प्राइमरी एंजियोप्लास्टी को शुरू करने के लिए सामान उपलब्ध कराने पर भी चर्चा हुई. बैठक में अधीक्षक डाॅ एसके चौधरी, कार्डियोलॉजी विभाग के विभागध्यक्ष डॉ हेमंत नारायण राय, डॉ प्रकाश कुमार, डाॅ प्रवीण श्रीवास्तव, मेडिकल ऑफिसर डॉ रघुनाथ आदि मौजूद थे.