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प्रधान आयकर आयुक्त से जब्त पैसे सरकारी खाते में जमा होंगे

रांची: रांची के प्रधान आयकर आयुक्त तापस दत्ता के पास से जब्त 4.11 करोड़ रुपये सरकारी खाते में और सोना मालखाने में जमा होंगे. सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश बीके तिवारी की अदालत ने यह आदेश दिया है. न्यायालय ने सीबीआइ के अनुरोध पर अभियुक्त के पुलिस रिमांड की अवधि और एक दिन के लिए बढ़ा […]

रांची: रांची के प्रधान आयकर आयुक्त तापस दत्ता के पास से जब्त 4.11 करोड़ रुपये सरकारी खाते में और सोना मालखाने में जमा होंगे. सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश बीके तिवारी की अदालत ने यह आदेश दिया है. न्यायालय ने सीबीआइ के अनुरोध पर अभियुक्त के पुलिस रिमांड की अवधि और एक दिन के लिए बढ़ा दी. सीबीआइ अब इस अधिकारी से और पूछताछ के बाद मंगलवार को अदालत में पेश करेगी.


सीबीआइ के अधिकारियों ने पूछताछ के बाद तापस दत्ता को सोमवार को कोलकाता से रांची लाने के बाद सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया. सीबीआइ की ओर से अदालत को यह जानकारी दी गयी कि इस अभियुक्त से की गयी पूछताछ के बाद और नकद राशि मिली है. अभियुक्त के पास पहले 3.7 करोड़ रुपये मिले थे, यह बढ़ कर 4.11 करोड़ रुपये हो गये हैं. 6.6 किलोग्राम सोना भी जब्त किया गया है. अदालत नकद राशि को सरकारी खाते और सोना को मालखाने में जमा करने की अनुमति दे. सीबीआइ ने छापेमारी के दौरान मिले निवेश के दस्तावेज आदि के सिलसिले में पूछताछ के लिए अभियुक्त की रिमांड अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया. विशेष न्यायाधीश ने सीबीआइ का पक्ष सुनने के बाद अभियुक्त के रिमांड की अवधि एक दिन के लिए बढ़ा दी. जब्त सोना को मालखाना और रुपये को सरकारी खाते में जमा करने की अनुमति दी. उल्लेखनीय है कि बुधवार को सीबीआइ ने रांची के प्रधान आयकर आयुक्त, तीन अन्य आयकर अधिकारियों के अलावा एक सीए और छह इंट्री ऑपरेटरों के रांची, हजारीबाग, जमशेदपुर और कोलकाता स्थित ठिकानों पर छापा मारा था. छापेमारी के बाद तापस दत्ता को गिरफ्तार कर गुरुवार को न्यायालय में पेश किया था. न्यायालय द्वारा रिमांड पर दिये जाने के बाद पुलिस शुक्रवार को उन्हें कोलकाता ले गयी थी.
तापस दत्ता निलंबित
रांची के प्रधान आयुक्त तापस दत्ता गिरफ्तारी के दिन से ही निलंबित समझे जायेंगे. हालांकि निलंबन से संबंधित आदेश नियोक्ता द्वारा बाद में जारी किया जायेगा. अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के लिए लागू सेवा शर्त नियमावली में इसका प्रावधान है. इसके तहत किसी अधिकारी को आपराधिक मामले में 48 घंटे तक हिरासत में रहने के बाद उसे गिरफ्तारी की तिथि से ही निलंबित समझा जायेगा.

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