रांची. छोटानागपुर डायसिस एजुकेशन साेसाइटी के सचिव प्रो जयंत अग्रवाल ने शिक्षक दिलीप मालवा द्वारा लगाये गये आरोपाें को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने प्रभात खबर काे बताया : दिलीप मालवा एसपीजी मिशन मध्य विद्यालय डोरंडा में सहायक शिक्षक के पद पर हैं. फरवरी 2015 में वह विद्यालय तीन बजे बंद कर बाहर निकल गये. इस […]
रांची. छोटानागपुर डायसिस एजुकेशन साेसाइटी के सचिव प्रो जयंत अग्रवाल ने शिक्षक दिलीप मालवा द्वारा लगाये गये आरोपाें को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने प्रभात खबर काे बताया : दिलीप मालवा एसपीजी मिशन मध्य विद्यालय डोरंडा में सहायक शिक्षक के पद पर हैं. फरवरी 2015 में वह विद्यालय तीन बजे बंद कर बाहर निकल गये. इस पर उन्हाेंने डांटा था. मामले में उन्हें शो-कॉज भी किया गया था. इसी बात का बदला लेने के लिए उन्होंने धोखाधड़ी का गलत और झूठा आरोप लगाते हुए न्यायालय में शिकायतवाद दर्ज कराया, जिसकी जांच पुलिस ने की है
प्राे जयंत अग्रवाल ने अनुसार शो-कॉज के बाद दिलीप मालवा लगातार डायसिस के विभिन्न कार्यों का विरोध करने लगे. यही नहीं, वह बिशप, सीडीएस के सचिव और डायसिस के अधिकारियों के बारे में भ्रम फैलाने लगे. उन्होंने पैसा गबन का आरोप लगाया. पूर्व में उन्होंने चर्च के कोर्ट में मामले को लेकर केस किया था. इसके बाद डायसिस लेबल पर एक इंक्वायरी कमेटी जांच के लिए बनी थी. कमेटी ने लगाये गये आरोप को निराधार पाया.
आंतरिक अनुसंधान कमेटी ने भी जांच की आैर आरोप को निराधार पाया. डायसेसन काउंसिल की कमेटी के समक्ष भी रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी. काउंसिल ने रिपोर्ट के आधार पर अधिकारियों पर लगाये गये आरोप को बेबुनियाद पाया. प्राे अग्रवाल के मुताबिक दिलीप मालवा ने जब देखा कि वह अपने मंसूबे में सफल नहीं पाये, तब उन्होंने न्यायालय में एक शिकायतवाद दर्ज कराया. शिकायत दर्ज कराने के दौरान उन्होंने पूर्व की जांच में आये तथ्यों व पैसा लौटाने की जानकारी नहीं देकर न्यायालय को गुमराह किया.
दिलीप मालवा की गतिविधि को देखते हुए कलिसियाई संविधान के अनुसार उन्हें नॉट इन गुड स्टैंडिंग के संवर्ग में रखा गया है. उन्हाेंंेने बताया कि चर्च के पुरोहितों के साथ भी मालवा का व्यवहार अच्छा नहीं है. वह पेरिस पुरोहित निर्मल समद के कार्यालय में घुस कर कार्यालय बंद कर उनके साथ अभद्र व्यवहार कर चुके हैं. प्रबंधन ने दिलीप मालवा पर विभागीय कार्रवाई का भी निर्णय लिया है.