रांची: झारखंड में कक्षा तीन के बच्चे गणित में राष्ट्रीय औसत से बेहतर हैं या समकक्ष हैं. राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीइआरटी) द्वारा किये गये सर्वे में यह पता चला है कि झारखंड के बच्चे गणित में देश के दूसरे राज्य के बच्चों से कम नहीं है. एनसीइआरटी ने सात हजार स्कूलों में कक्षा तीन के एक लाख बच्चों के बीच सर्वे किया था.
देश के 34 राज्यों के 298 जिलों में यह सर्वे किया गया. विद्यार्थियों के गणित व भाषा स्तर की जांच की गयी. गणित में जोड़, घटाव, गुणा, भाग, ज्यामिति, माप व हिंदी में बच्चों के सुनने, लिखने व पढ़ने की क्षमता की जांच की गयी थी. एनसीइआरटी द्वारा इससे पूर्व वर्ष 2009 में कक्षा पांच व आठ के बच्चों के बीच भी सर्वे किया गया था. इसमें भी झारखंड के विद्यार्थियों का प्रदर्शन कई स्तर पर राष्ट्रीय औसत की तुलना में बेहतर रहा.
और सुधार की गुंजाइश
राज्य में प्राथमिक शिक्षा में और सुधार की गुंजाइश है. राज्य में प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों के 13 हजार पद रिक्त हैं. झारखंड गठन के बाद राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में मात्र 11 हजार शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. मध्य विद्यालय में विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी है. शिक्षक पात्रता परीक्षा के बाद लगभग एक वर्ष से शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया लंबित है.
सर्व शिक्षा अभियान का असर
राज्य में सर्व शिक्षा अभियान के तहत चलाये जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के कारण बच्चों के शैक्षणिक स्तर में सुधार हुआ है. शिक्षकों के प्रशिक्षण, विद्यालय में शिक्षकों की उपस्थिति में बढ़ोतरी, विद्यालय प्रबंध समिति की सशक्त भूमिका, अभिभावकों की सक्रियता के कारण हाल के वर्षो में झारखंड में प्राथमिक शिक्षा की स्थिति में सुधार हुआ है.