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हाल मेडिकल कॉलेज का: छात्राओं को खुद ही करनी होगी रहने की व्यवस्था

रांची: रिम्स में एमबीबीएस (सत्र-2017) के नये सत्र में नामांकन लेनेवाली छात्राओं को हॉस्टल नहीं मिल पायेगा. छात्राओं को रहने की व्यवस्था खुद ही करनी होगी. रिम्स गर्ल्स हॉस्टल में जगह नहीं होने के कारण यह समस्या आ रही है. हॉस्टल की वार्डन डॉ पूनम ने गुुरुवार को इसकी जानकारी रिम्स निदेशक को दे दी […]

रांची: रिम्स में एमबीबीएस (सत्र-2017) के नये सत्र में नामांकन लेनेवाली छात्राओं को हॉस्टल नहीं मिल पायेगा. छात्राओं को रहने की व्यवस्था खुद ही करनी होगी. रिम्स गर्ल्स हॉस्टल में जगह नहीं होने के कारण यह समस्या आ रही है. हॉस्टल की वार्डन डॉ पूनम ने गुुरुवार को इसकी जानकारी रिम्स निदेशक को दे दी है.नये सत्र में नामांकन अगले माह के प्रथम सप्ताह से होना है, इसलिए हॉस्टल की समस्या को लेकर वार्डन चिंतित हैं. इस पर निदेशक ने कहा कि बाहर से आनेवाली छात्राओं को प्राथमिकता के आधार पर हॉस्टल का आवंटन किया जाये, लेकिन डॉ पूनम ने कहा कि फिलहाल उनके पास एक भी छात्रा के रहने की व्यवस्था नहीं है. गौरतलब है कि प्रवेश परीक्षा देते समय प्रॉसपेक्टस में यह स्पष्ट निर्देश रहता है कि छात्राओं को प्रबंधन को कॉलेज परिसर में हॉस्टल उपलब्ध करना है.
जेसीइसीइबी को रिम्स देगा सूचना : रिम्स प्रबंधन सेंट्रल कोटा अौर स्टेट कोटा से नामांकन लेनेवाले विद्यार्थियों को प्रवेश लेते समय ही हॉस्टल खाली नहीं होने की सूचना देगा. इसके लिए रिम्स झारखंड कंबाइंड इंट्रेंस कॉम्पटीटिव एग्जामिनेशन बोर्ड (जेसीइसीइबी) को इससे अवगत करायेगा. छात्राओं से कहा जायेगा कि जैसे-जैसे हॉस्टल खाली होगा, आवंटन किया जायेगा.
पीजी व डेंटल हॉस्टल भी फुल : रिम्स के गर्ल्स हॉस्टल में छात्राओं को किसी तरह रहना पड़ता है. छात्राओं की संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन उनके रहने के लिए पहले से कोई व्यवस्था नहीं की गयी है. हर साल परेशानी बढ़ती जा रही है. पीजी गर्ल्स हॉस्टल और डेंटल हॉस्टल भी भर गया है. ऐसे में छात्राएं किसी तरह हॉस्टल में रहती हैं. इस साल रहने के लिए जगह नहीं बची है.
500 छात्राओं के लिए बन रहा है नया हॉस्टल
छात्राओं की लगातार संख्या बढ़ने के कारण रिम्स प्रबंधन 500 छात्राओं की क्षमता वाला नया हॉस्टल तैयार करा रहा है, लेकिन इसके निर्माण की गति इतनी धीमी है कि आनेवाले एक साल में भी इसके तैयार होने पर संशय की स्थिति है.
छात्राओं के हॉस्टल की समस्या तो है, लेकिन इससे निजात पाने की कोशिश की जा रही है. वर्तमान में हम हॉस्टल नहीं उपलब्ध कराने की स्थिति में है. हॉस्टल तैयार हो रहा है, जिसके बाद स्थायी रूप से समस्या का निदान हो जायेगा.
डॉ बीएल शेरवाल, निदेशक रिम्स

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