श्री विधि से धान रोपाई प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत अभी तक नामकुम प्रखंड के आरा, महिलौंग, हरातू, सिलवई तथा अनगड़ा प्रखंड के चतरा, मासू, हेसल, अनगड़ा, नारायण सोसो आदि पंचायत में प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये गये हैं.
सीएसआर के हेड डॉ मयंक मुरारी ने बताया कि इन कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों को प्रखंड से मिलने वाले लाभों से सीधे जोड़ने का प्रयास है. किसानों को खरीफ बीजों के वितरण, पंप सेट के आवेदन सृजन, फसल बीमा योजना का लाभ, पशु टीका औषधि के वितरण तथा पैक्स व लैंप्स के माध्यम से उर्वरक, बीज, कीटनाशी वितरण के बारे में जानकारी प्रदान की गयी. अनगड़ा प्रखंड के बीटीएम अंजीव कुमार श्रीवास्तव ने सभी किसानों को सलाह दी है कि सरकारी योजना से लाभ के लिए किसान मित्रों के समक्ष अपने आवेदन जमा करायें. उन्होंने इस कार्य में सीएसआर के तहत चलाये जा रहे अभियान को हरसंभव सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया. सीएसआर के तहत चलाये गये अभियान के परिणास्वरूप कारखाने के ईद-गिर्द के 29 गांवों में अब तक दो हजार से अधिक किसानों ने श्रीविधि से धान की रोपनी में रुचि दिखायी है. हेसल के किसान धर्मनाथ महतो, मासू के रासो देवी, सिलवई की लीला देवी का कहना है कि श्रीविधि में कम बीज, कम पानी एवं मेहनत तथा खर्च के बावजूद पैदावार में बढ़ोतरी होती है. इसी कारण लोगों का रूझान इसके प्रति बढ़ता जा रहा है.