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बैंकों ने शिक्षा ऋण देने की तैयारी तेज की

रांची : झारखंड के बच्चों को उच्चतर शिक्षा देने के लिए बैंकों ने शिक्षा ऋण (एजुकेशन लोन) देने की तैयारियां शुरू कर दी है. बैंकों द्वारा 2017-18 सत्र के लिए संस्थानों की रैंकिंग के आधार पर 8.45 प्रतिशत से 13 प्रतिशत तक की ब्याज पर कर्ज दिये जा रहे हैं. बैंकों द्वारा सभी दस्तावेजों के […]

रांची : झारखंड के बच्चों को उच्चतर शिक्षा देने के लिए बैंकों ने शिक्षा ऋण (एजुकेशन लोन) देने की तैयारियां शुरू कर दी है. बैंकों द्वारा 2017-18 सत्र के लिए संस्थानों की रैंकिंग के आधार पर 8.45 प्रतिशत से 13 प्रतिशत तक की ब्याज पर कर्ज दिये जा रहे हैं. बैंकों द्वारा सभी दस्तावेजों के पूरा होने पर 48 घंटे के अंदर ऋण दिये जाने की प्रक्रिया पूरा करने का दावा भी किया जा रहा है.
बैंकों ने भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम), आइआइटी, एनआइटी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस और ए ग्रेड की संस्थानों में दाखिले के लिए तत्काल कर्ज की स्वीकृति दिये जाने की व्यवस्था की है. इसके अलावा बी श्रेणी और अन्य श्रेणी के निबंधित काॅलेजों, संस्थानों की सूची भी तैयार की गयी है. शिक्षा ऋण के लिए सात तरह का चेक लिस्ट भी बैंकों ने तैयार किया है. कई संस्थानों में राष्ट्रीयकृत बैंकों के कैंप लगाये जा रहे हैं, ताकि एक ही जगह पर सभी औपचारिकताएं पूरी की जा सकें.
क्या-क्या है चेक लिस्ट में
बैंकों की ओर से तैयार किये गये चेक लिस्ट में कर्ज धारकों से केवाइसी (नो योर कस्टमर) मांगी जा रही है. इसके अलावा अभिभावकों का पैन कार्ड नंबर, क्रेडिट इंफोरमेशन रिपोर्ट (सिबिल), चार लाख से 25 लाख रुपये तक के कर्ज में पांच प्रतिशत की मार्जिन मनी तथा पुनर्भुगतान की तिथि पांच वर्ष से अधिकतम सात वर्ष तक तय करने का उल्लेख है. अभिभावकों का आयकर रिटर्न, फार्म-16, पहचान पत्र, आधार कार्ड संख्या और दो फोटोग्राफ भी बैंक ले रहे हैं. वहीं छात्रों से उनका 10वीं व 12वीं का मार्क्सशीट, संस्थान का सीट अावंटन पत्र, दाखिले का पत्र, संस्थान के शैक्षणिक शुल्क, छात्रावास की पूरी विवरणी, पैन कार्ड, आधार कार्ड तथा फोटोग्राफ लिया जा रहा है.
सीएम ने दिया है अधिक कर्ज दिये जाने का निर्देश
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य के बच्चों को अधिक-से-अधिक कर्ज दिये जाने का निर्देश दिया है. उन्होंने राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की 54वीं बैठक में अनुसूचित जाति, जनजाति के छात्रों को कर्ज नहीं दिये जाने पर चिंता जतायी थी. उन्होंने कहा था कि बैंकों से चार लाख तक के शिक्षा ऋण में किसी तरह की सिक्युरिटी की जरूरत नहीं है. 7.5 लाख रुपये तक का कर्ज बगैर सिक्युरिटी या गारंटी पर दिये जाने की भी बातें उन्होंने कही थीं.

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