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रांची व गुमला में बीपीएल बुजुर्गों के लिए शुरू होगी वयोश्री योजना
घोषणा. सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय का क्षेत्रीय सम्मेलन केंद्र ने मांगा एससी बालिकाअों के लिए एकलव्य विद्यालय का प्रस्ताव रांची : रांची व गुमला में बीपीएल बुजुर्गों के लिए एक नयी योजना शुरू होगी. केंद्र की इस वयोश्री योजना के तहत गरीब परिवार के वृद्ध जनों को सरकार वैसा उपकरण उपलब्ध करायेगी, जिससे उनका […]
घोषणा. सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय का क्षेत्रीय सम्मेलन
केंद्र ने मांगा एससी बालिकाअों के लिए एकलव्य विद्यालय का प्रस्ताव
रांची : रांची व गुमला में बीपीएल बुजुर्गों के लिए एक नयी योजना शुरू होगी. केंद्र की इस वयोश्री योजना के तहत गरीब परिवार के वृद्ध जनों को सरकार वैसा उपकरण उपलब्ध करायेगी, जिससे उनका जीवन सहज व सुलभ हो सके. उन्हें चश्मा, ह्वील चेयर, हियरिंग एड (सुनने वाले उपकरण) व अन्य सामान दिये जायेंगे. बुजुर्गों को उपकरण उपलब्ध कराने से पहले कैंप लगा कर उनकी जरूरतों का आकलन (असेसमेंट) किया जायेगा. संबंधित कैंप में यह काम चिकित्सक करेंगे.
केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय के एक दिवसीय क्षेत्रीय (पूर्वी) सम्मेलन में संबंधित मंत्रालय के कैबिनेट मंत्री थावर चंद्र गहलोत व सचिव लथा कृष्णा राव ने यह घोषणा की. झारखंड सहित बिहार, प बंगाल व अोड़िशा के समाज कल्याण मंत्रियों व अधिकारियों से उन्होंने इस योजना की शुरुआत जल्द करने को कहा. यह कार्यक्रम गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन सभागार में हुआ.
केंद्रीय टीम ने दो अौर नयी योजना की जानकारी देते हुए राज्यों से कहा कि वे जमीन चिह्नित कर इन योजनाओं से संबंधित लाभ लेने संबंधी प्रस्ताव केंद्र को भेजें. इनमें से एक है अनुसूचित जाति (एससी) बालिकाअों के लिए एकलव्य विद्यालय. कहा गया कि यह विद्यालय एससी बहुल जिलों खासकर शैक्षणिक रूप से पिछड़े जिलों में खोले जायेंगे. इन विद्यालयों की कुल सीटों का 75 फीसदी एससी बालिकाअों के लिए आरक्षित होगा.
शेष 25 फीसदी सीट पर एसटी या अोबीसी समुदाय की बालिकाअों का नामांकन हो सकता है. केंद्र इन विद्यालयों के निर्माण के लिए प्रति विद्यालय सामान्य इलाके में 12-13 करोड़ तथा पहाड़ी क्षेत्र के लिए 16 करोड़ रुपये का अनुदान उपलब्ध करायेगा. गौरतलब है कि केंद्र सरकार एकलव्य विद्यालय के संचालन का भी खर्च देती है. केंद्र के निर्देशानुसार एक स्कूल के लिए 15-20 एकड़ जमीन चिह्नित की जानी है. इस मुद्दे पर राज्य की कल्याण सचिव हिमानी पांडे ने केंद्रीय टीम को बताया कि झारखंड में जमीन की समस्या है.
यहां पहले से संचालित एकलव्य विद्यालय तथा छात्रावास छह-सात एकड़ जमीन पर बने हैं. इतनी जमीन पर्याप्त है. श्रीमती पांडे ने विद्यालय निर्माण की राशि के बारे कहा कि यह लागत वर्ष 2010-11 में तय की गयी है. अब तय मानकों के अनुसार एक एकलव्य विद्यालय की लागत करीब 21 करोड़ रुपये आती है. इस पर केंद्रीय मंत्री व उनकी टीम ने कहा कि आप अपनी ही शर्तों पर जमीन चिह्नित कर इसका प्रस्ताव भेजें, केंद्र इसकी मंजूरी दे देगा.
दूसरी योजना राज्य संचालित वृद्धाश्रम की है. केंद्रीय सचिव श्रीमती राव ने कहा कि हम वृद्धाश्रम को सिर्फ एनजीअो के भरोसे नहीं छोड़ सकते. राज्यों से उन्होंने कहा कि वे अपने यहां वृद्धाश्रम सहित बुजुर्गों के लिए डे-केयर सेंटर के लिए भी जमीन चिह्नित कर बतायें. अनुसूचित जाति के उद्यमियों के लिए सस्ती दर पर अधिकतम 15 करोड़ रुपये ऋण मुहैया कराने वाली योजना का लाभ लेने की अपील भी राज्यों से की गयी.
केंद्रीय सचिव श्रीमती राव ने कहा कि वैसे एससी उद्यमी जो पहले से काम कर रहे हैं, अपने उद्यम के विस्तार के लिए सस्ती दर पर लोन ले सकते हैं. पहले ब्याज दर 10 फीसदी थी, जिसे घटा कर आठ फीसदी किया गया है. वहीं एससी महिला या दिव्यांग उद्यमियों के लिए 7.75 फीसदी ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराया जाता है. झारखंड से किसी ने अब तक इसका लाभ नहीं लिया है. सम्मेलन के दौरान सभी राज्यों में वंचित वर्गों के लिए संचालित योजनाओं की समीक्षा भी की गयी. गुरुवार की शाम केंद्रीय कैबिनेट में शामिल होने के लिए केंद्रीय मंत्री श्री गहलोत पहले सत्र के बाद दिल्ली चले गये.
राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर भी उनके साथ लौट गये. दूसरे सत्र की अध्यक्षता केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास अठावले ने की. सम्मेलन में झारखंड की कल्याण सह समाज कल्याण मंत्री लुइस मरांडी, बिहार के मंत्री संतोष कुमार निराला, केंद्रीय संयुक्त सचिव एंट्री अनुराग व संयुक्त सचिव यू वेंकटशवारलू सहित सभी चार राज्यों के विभागीय अधिकारी उपस्थित थे.
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