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महिलाओं को मुफ्त रजिस्ट्री पर वित्त विभाग को आपत्ति

रांची : एक रुपये के टोकन पर महिलाओं को जमीन-जायदाद रजिस्ट्री करने की मुख्यमंत्री रघुवर दास की घोषणा मुश्किल में है. वित्त विभाग ने सभी श्रेणी की महिलाओं के लिए मुफ्त रजिस्ट्री की सुविधा को उचित नहीं माना है. मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भू-राजस्व विभाग द्वारा कैबिनेट की स्वीकृति के लिए तैयार किये गये […]

रांची : एक रुपये के टोकन पर महिलाओं को जमीन-जायदाद रजिस्ट्री करने की मुख्यमंत्री रघुवर दास की घोषणा मुश्किल में है. वित्त विभाग ने सभी श्रेणी की महिलाओं के लिए मुफ्त रजिस्ट्री की सुविधा को उचित नहीं माना है. मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भू-राजस्व विभाग द्वारा कैबिनेट की स्वीकृति के लिए तैयार किये गये प्रस्ताव को वित्त विभाग ने लौटा दिया है. वित्त विभाग ने इस पर पुनर्विचार करने को कहते हुए एक रुपये के टोकन पर रजिस्ट्री के लिए महिलाओं की श्रेणी निर्धारित करने का सुझाव दिया है.

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने तीन मई को अपने 62वें जन्मदिन पर राज्य में महिलाओं के नाम जमीन-जायदाद की रजिस्ट्री के लिए स्टांप और निबंधन शुल्क नहीं लेने की घोषणा की थी. कहा था कि अब राज्य की महिलाओं के नाम खरीदी जानेवाली अचल संपत्ति में स्टांप एवं निबंधन शुल्क नहीं लगेगा. मात्र एक रुपये के टोकन स्टांप पर महिलाओं का नि:शुल्क निबंधन किया जायेगा. उल्लेखनीय है कि संबंधित प्रस्ताव को विधि विभाग की मंजूरी मिल चुकी थी. वित्त विभाग ने प्रस्ताव पर अपनी आपत्ति विधि विभाग की सहमति के बाद दर्ज करायी है.

नये सिरे से विचार
वित्त विभाग द्वारा महिलाओं को मुफ्त रजिस्ट्री से संबंधित प्रस्ताव वापस लौटाने के बाद अब फिर से इस पर नये सिरे से विचार किया जा रहा है. वित्त विभाग का प्रभार मुख्यमंत्री के पास ही है. वित्त विभाग की आपत्ति के बाद मुख्यमंत्री सचिवालय प्रस्ताव को प्रासंगिक बनाने पर काम कर रहा है. सूत्र बताते हैं कि मुफ्त रजिस्ट्री का लाभ देने के लिए महिलाओं की आर्थिक स्थिति को आधार पर बनाया जा सकता है. महिला के परिवार की वार्षिक आय के आधार पर एक रुपये के टोकन पर रजिस्ट्री की अनुमति देने पर विचार किया जा रहा है. निश्चित रूप से गरीबी रेखा से नीचे के परिवार से आने वाली महिलाओं को मुफ्त रजिस्ट्री की सुविधा प्रदान की जायेगी. परंतु, उनके अलावा और किस आय वर्ग की महिलाओं को यह सुविधा दी जाये, इस पर मंथन किया जा रहा है.
रजिस्ट्री में आ गयी है 70 फीसदी गिरावट
मुख्यमंत्री द्वारा महिलाओं के लिए मुफ्त रजिस्ट्री की घोषणा के बाद रजिस्ट्री की रफ्तार धीमी हो गयी है. मुख्यमंत्री की घोषणा के पूर्व राजधानी रांची में औसतन एक दिन में जमीन-जायदाद की 50 रजिस्ट्री होती थी. लेकिन, घोषणा के बाद प्रतिदिन केवल 10 से 15 रजिस्ट्री ही करायी जा रही है. राज्य भर में होनेवाली रजिस्ट्री में करीब 70 फीसदी की गिरावट आयी है. मालूम हो कि झारखंड में फिलहाल जमीन की रजिस्ट्री के समय चार प्रतिशत स्टांप ड्यूटी देनी होती है. साथ ही तीन फीसदी रजिस्ट्रेशन शुल्क भी देय होता है. जमीन-जायदाद की रजिस्ट्री से सरकार को सालाना 600 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है.

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