झारखंड यात्रा के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी गुरुवार को प्रभात खबर कार्यालय आये. यहां उन्होंने पत्रकारों के कई सवालों के जवाब दिये. प्रभात खबर के पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने गाड़ियों के लिए स्क्रैपिंग पॉलिसी तैयार की है. इसके तहत पुरानी प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियां सरेंडर करने पर इंसेंटिव दिया जायेगा. पॉलिसी से गाड़ियां सस्ती भी होंगी.
रांची: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि वर्तमान में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का टर्नओवर लगभग साढ़े चार लाख करोड़ रुपये है. स्क्रैपिंग पॉलिसी लागू होने के बाद ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का टर्नओवर अगले पांच साल में चार गुना से ज्यादा बढ़ कर 20 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है.
पॉलिसी के तहत प्रदूषण फैलाने वाली 15 साल से अधिक पुरानी गाड़ियों को सरेंडर कर नयी गाड़ियां खरीदने वालों को भारी छूट मिलेगी. सड़कों पर दौड़ रही 15 वर्ष पुरानी गाड़ियां ही 88 फीसदी प्रदूषण का कारण हैं. स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत पुराना ट्रक देकर नया खरीदने वाले को लगभग छह लाख रुपये की छूट मिलेगी. इसी तरह कार और मोटरसाइकिलों को बदलने पर भी उनकी कीमतों में भारी कमी आयेगी. बंदरगाहों के नजदीक इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाये जायेंगे. पुरानी गाड़ियों से कॉपर, स्टील, प्लास्टिक और एल्युमीनियम जैसी चीजों को क्लस्टरों में रिसाइकल किया जा सकेगा. वहां मार्केट रेट से आधी दर पर ऑटोमोबाइल पार्ट्स तैयार होंगे. तटीय इकोनॉमिक जोन के तहत 29 पोर्ट बेस्ड इंडस्ट्रियल सेंटर बनाने की योजना बनायी जा रही है. इससे एक्सपोर्ट में 110 अरब डॉलर की बढ़ोतरी होगी. एक करोड़ नये रोजगार पैदा होंगे. इन क्लस्टर्स को देश के 12 बड़े बंदरगाहों के पास बनाये जाने की योजना है.
सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि निराशाजनक
श्री गडकरी ने कहा कि देश में हर साल पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. इनमें करीब 1.5 लाख लोगों की मृत्यु हो जाती है. मेरे मंत्री बनने के बाद देश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में चार फीसदी की वृद्धि हुई है, जो निराशाजनक है. महाराष्ट्र में मैं अपने परिवार के साथ खुद भी सड़क दुर्घटना का शिकार हो चुका हूं. सड़क दुर्घटनाओं को लेकर मैं काफी संवेदनशील हूं. रोड सेफ्टी सरकार की प्राथमिकता है. हादसों को रोकने के लिए मिशन स्तर पर काम किया जा रहा है. इसका प्रभाव जल्द ही देखने को मिलेगा.
इथेनॉल और एलएनजी से सुधरेगी किसानों की स्थिति
श्री गडकरी ने कहा कि वाहनों में ईंधन के रूप में एलएनजी (लिक्विफाइड नेचुरल गैस) के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए काम किया जा रहा है. एलएनजी के इस्तेमाल से प्रदूषण कम होगा और पैसों की बचत भी होगी. एलएनजी डीजल से सस्ती होगी. यह डीजल की तुलना में अधिक किफायती है. किसी भी अन्य ईंधन की तुलना में एलएनजी पर्यावरण के अनुकूल है. इसमें कार्बन उत्सर्जन डीजल की तुलना में कम है. झारखंड के किसान चावल तैयार होने के दौरान निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ से भी एलएनजी बना सकते हैं. इसके अलावा किसान अपशिष्ट पदार्थों से इथेनॉल भी तैयार कर सकते हैं. इथेनॉल जैव ईंधन है. यह पेट्रोल, डीजल से कम धुएं वाला प्रदूषण रहित ईंधन है. पूरे विश्व में इथेनॉल का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है. इथेनॉल और एलएनजी से देश में किसानों की स्थिति सुधर सकती है.
13 एक्सप्रेस हाइवे बनेंगे
श्री गडकरी ने कहा कि देश में 13 एक्सप्रेस हाइवे का निर्माण किया जा रहा है. देश में सड़क निर्माण के लिए 65000 करोड़ रुपये का बजट है. विकास के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है. दिक्कत सिस्टम के साथ है. जमीन अधिग्रहण, फाॅरेस्ट क्लीयरेंस जैसी कई प्रक्रियाओं की वजह से सड़क निर्माण कार्य में विलंब होता रहा था. लगभग 3.85 लाख करोड़ रुपये के 403 प्रोजेक्ट बंद थे, पर पिछले तीन वर्षों में इन सभी प्रोजेक्ट की रुकावटों को दूर कर काम शुरू किया गया है. इसके अलावा देश में 14 विभिन्न औद्योगिक क्लस्टर का निर्माण किया जा रहा है.
जलमार्ग नेटवर्क बढ़ायेंगे
श्री गडकरी ने कहा कि देश में जलमार्ग नेटवर्क बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. पानी से यातायात काफी सस्ता और आसान है. ट्रेड बिजनेस के लिए भारत में काफी मौके हैं. राजमार्ग के साथ पोत परिवहन के विकास से देश के सकल घरेलू उत्पाद में दो प्रतिशत तक का योगदान होगा. जलमार्ग विकसित करने के लिए देश की 116 नदियों के उपयोग को लेकर काम शुरू किया गया है. सागरमाला परियोजना से अगले चार से पांच साल के भीतर रोजगार के एक करोड़ से अधिक अवसर पैदा होंगे. 40 लाख रोजगार प्रत्यक्ष रूप से और 60 लाख परोक्ष रूप से सृजित होंगे. इस कार्यक्रम का मकसद देश के 7,500 किलोमीटर लंबी तटीय रेखा, 14,500 किलोमीटर संभावित जलमार्ग और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समुद्री व्यापार मार्गों पर रणनीतिक स्थानों का उपयोग कर बंदरगाह आधारित विकास को बढ़ावा देना है.
96 हजार किमी का एनएच दो लाख किमी हुआ
नितिन गडकरी ने कहा कि एक्सपोर्ट वृद्धि के लिए सस्ता लॉजिस्टिक जरूरी है. आधारभूत संरचना सरकार की प्राथमिकता है. मोदी सरकार के गठन से पूर्व देश में 96 हजार किलोमीटर का नेशनल हाइवे था. पिछले तीन वर्षों में इसे बढ़ा कर दो लाख किलोमीटर कर दिया गया है. पहले देश में रोज केवल दो किमी सड़क का ही निर्माण हो पाता है. आज 23 किमी सड़क का निर्माण प्रतिदिन हो रहा है. इसे 40 किमी प्रतिदिन तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. गुजरे वित्तीय वर्ष में 4.50 लाख करोड़ रुपये खर्च कर 16,800 किमी सड़क का निर्माण किया गया. यह एक वर्ल्ड रिकार्ड है. पीपीपी मॉडल पर काम करने से फायदा हुआ है. इस साल और तेजी से रोड और आधारभूत संरचना मजबूत करने के लिए कदम उठाये जायेंगे. अगले साल रोजाना 40 किलोमीटर सड़क बनाने के टार्गेंट को पूरा किया जायेगा.