उन्होंने मेधा दूध में मिलावट की खबर पर भी चिंता व्यक्त की. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि राज्य में उपभोक्ता आंदोलन को मजबूत किया जायेगा. साथ ही उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों से अवगत कराया जायेगा. इसके लिए विभाग एक मजबूत संगठनात्मक ढांचा खड़ा करेगा. साथ ही उपभोक्ता संरक्षण पर्षद को सक्रिय किया जायेगा.
यह भी तय हुआ कि राज्य उपभोक्ता संरक्षण पर्षद की वर्ष में चार बैठक तथा जिला उपभोक्ता संरक्षण समिति की कम से कम तीन बैठक अवश्य की जाये. इसके लिए विभागीय सचिव एवं जिला उपायुक्तों को अधिकृत किया जाये. बैठक में विभागीय सचिव विनय कुमार चौबे, प्राथमिक शिक्षा उप निदेशक लुदो कुमारी, नगर विकास विभाग के उप सचिव अशोक प्रसाद सिन्हा तथा राज्य उपभोक्ता संरक्षण पर्षद की सदस्य मीना कुमारी, राकेश कुमार सिंह एवं अनिल कुमार सिंह उपस्थित थे.