आयोजन . बलकुदरा खुली खदान की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए लोक सुनवाई
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समस्याएं दूर करने का आश्वासन
आयोजन . बलकुदरा खुली खदान की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए लोक सुनवाई भुरकुंडा : सीसीएल भुरकुंडा परियोजना अंतर्गत बलकुदरा खुली खदान में उत्पादन क्षमता बढ़ाने का रास्ता लगभग साफ हो गया है. शनिवार को इसके लिए आयोजित लोक सुनवाई में ग्रामीणों ने बुनियादी सुविधाओं सहित रैयतों के हक-अधिकार की बात की. इसमें रोजी-रोजगार के […]
भुरकुंडा : सीसीएल भुरकुंडा परियोजना अंतर्गत बलकुदरा खुली खदान में उत्पादन क्षमता बढ़ाने का रास्ता लगभग साफ हो गया है. शनिवार को इसके लिए आयोजित लोक सुनवाई में ग्रामीणों ने बुनियादी सुविधाओं सहित रैयतों के हक-अधिकार की बात की. इसमें रोजी-रोजगार के साथ पानी, पौधरोपण, प्रदूषण, खदान समतलीकरण, स्वरोजगार प्रशिक्षण, लोकल सेल सेंटर, अधिग्रहित भूमि का नक्शा सार्वजनिक करने की मांगें शामिल हैं. खदान बंद होने के बाद उसे समतल कर रैयतों को वापस करने की मांग की गयी. प्रबंधन ने ग्रामीणों की मांगों पर सकारात्मक आश्वासन दिया. कहा कि गांवों में पानी की समस्या को दूर करने का काम किया जायेगा.
स्वरोजगार प्रशिक्षण के लिए एक-दो महीने के अंदर कंप्यूटर व सिलाई प्रशिक्षण सेंटर खोला जायेगा. ब्लास्टिंग नियामानुरूप होगी. लोक सुनवाई अधिकारियों ने सभी बातों को सूचीबद्ध किया. इसे अब संबंधित मंत्रालय को भेजा जायेगा. यहां से हरी झंडी मिलने के बाद सीसीएल प्रबंधन अपना उत्पादन विस्तार कर सकेगा. लोक सुनवाई की अध्यक्षता रामगढ़ एसी ज्योत्सना सिंह ने की.
मौके पर बरका-सयाल के जीएम प्रकाश चंदा, जेएसपीसीबी रांची मुख्यालय के बीके गुप्ता, जेएसपीसीबी हजारीबाग के चंदन कुमार, वन एवं पर्यावरण विभाग सीसीएल के सौमित्रो सिंह, वन एवं पर्यावरण विभाग सीसीएल की संगीता, सीएमपीडीआइएल के सहायक प्रबंधक दानिश मीना, पीओ जीसी साहा मौजूद थे. लोक सुनवाई में ग्रामीणों की ओर से पार्षद दर्शन गंझू, राजाराम प्रसाद, विजय साहू, कमलेश सिंह, गणेश बेदिया, वीरेंद्र मांझी, अमर यादव, विजय मुंडा, झरी मुंडा ने बातें रखी.
कुछ ग्रामीणों ने लोक सुनवाई का किया विरोध
13 लाख टन सालाना उत्पादन की योजना
सीसीएल ने जो योजना बनायी है, उसके अनुसार बलकुदरा खदान का उत्पादन दो गुना से भी ज्यादा करना है. प्रबंधन की योजना बलकुदरा खदान से सालाना अधिकतम 13 लाख टन कोयला उत्पादन करने की है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में इसका लक्ष्य 6.20 लाख टन है.
कुछ ग्रामीणों ने किया बहिष्कार
लोक सुनवाई का कुछ ग्रामीणों ने बहिष्कार किया. इनका कहना था कि लोक सुनवाई परियोजना क्षेत्र के बलकुदरा या कुरसे गांव में होनी चाहिए थी. सुनवाई काफी दूर रिवर साइड ऑफिसर्स क्लब में की जा रही है. इसके कारण सभी लोगों को इसकी जानकारी नहीं हुई. अधिकारियों ने ग्रामीणों की इस दलील को खारिज करते हुए कहा कि नियमानुसार सुनवाई 10 किमी के दायरे में हो रही है. इसकी विधिवत सूचना समाचार पत्रों के जरिये दी जा चुकी है.
रद्द नहीं होने पर होगा आंदोलन
विरोध करनेवाले ग्रामीणों ने प्रबंधन को संयुक्त हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंपा है. इसमें ग्रामीणों ने फिर से लोक सुनवाई करने की मांग की है. ऐसा नहीं करने पर अांदोलन किया जायेगा. ज्ञापन में पार्षद डॉली देवी, गिरधारी गोप, राणा प्रताप सिंह, आदित्यनारायण प्रसाद, मुखिया लीला देवी, सीता देवी, पंसस विंदेश्वरी देवी, रीना देवी, फूलेश्वर राम, जयलाल सिंह के हस्ताक्षर हैं.राजद ने भी विरोध करने वाले ग्रामीणों की मांग को जायज ठहराते हुए उसका समर्थन किया है. पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रेमकुमार साहू ने कहा है कि लोक सुनवाई कुरसे या बलकुदरा गांव में होनी चाहिए.
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