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सड़क दुर्घटना में सुरक्षाकर्मी की मौत

गिद्दी (हजारीबाग) : डयूटी के दौरान गिद्दी में निजी सुरक्षाकर्मी चंद्रशेखर सिंह की मौत अज्ञात वाहन की चपेट में आने से घटनास्थल पर हो गयी. यह घटना मं‍‍गलवार देर रात की है. मजदूर नेता मृतक के आश्रित को नौकरी व मुआवजा की मांग कर रहें थे. इस बीच गिद्दी परियोजना का उत्पादन कार्य घंटो ठप […]

गिद्दी (हजारीबाग) : डयूटी के दौरान गिद्दी में निजी सुरक्षाकर्मी चंद्रशेखर सिंह की मौत अज्ञात वाहन की चपेट में आने से घटनास्थल पर हो गयी. यह घटना मं‍‍गलवार देर रात की है. मजदूर नेता मृतक के आश्रित को नौकरी व मुआवजा की मांग कर रहें थे. इस बीच गिद्दी परियोजना का उत्पादन कार्य घंटो ठप रहा. अरगडा महाप्रबंधक के आश्वासन पर मजदूर नेताओं ने घटनास्थल से शव को सुबह 11 बजे उठने दिया. गिद्दी पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए हजारीबाग भेज दिया है. राजेंद्र कुमार के लिखित बयान पर गिद्दी थाना में अज्ञात वाहन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
जानकारी के अनुसार निजी सुरक्षाकर्मी चंद्रशेखर सिंह सहित चार सुरक्षाकर्मियों की डयूटी मंगलवार रात की पाली में गिद्दी परियोजना के चालू खदान में मिली थी. चंद्रशेखर सिंह को ड्रील मशीन के देख-रेख की जिम्मेवारी मिली थी. रात दो बजे के आसपास गश्ती दल का वाहन पहुंचा.
वाहन पर सवार सुरक्षाकर्मियों ने चंद्रशेखर सिंह को मृत देख कर अन्य सुरक्षाकर्मियों व प्रबंधन को इसकी सूचना दी. मौके पर रात में ही गिद्दी पुलिस व प्रबंधन पहुंचे. वाहन के चपेट में आने से चंद्रशेखर सिंह का सिर बुरी तरह से कुचल गया था. शव को देखने से प्रतित हो रहा है कि छोटे वाहन के चपेट में आने से ही उनकी मौत हुई है.
निजी सुरक्षाकर्मियों में इस घटना को लेकर काफी गुस्सा है. निजी सुरक्षाकर्मी एक सीसीएल सुरक्षाकर्मी को इस घटना के लिए जिम्मेवार मान रहें है. उसकी पिटाई करने की कई बार योजना भी बनायी, दिन के 10 बजे के आसपास अरगडा महाप्रबंधक एके सिंह ने मजदूर नेताओं से वार्ता की़ मजदूर नेताओं ने छतीसगढ़ अंजन हिल्स कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का हवाला देते हुए मृतक के आश्रित को नौकरी व 12 लाख रुपये मुआवजे की मांग की. अरगडा महाप्रबंधक ने मजदूर नेताओं से कहा कि इसका प्रस्ताव हम मुख्यालय भेज देते हैं. वार्ता में वर्कमैन मुआवजा अधिनियम व बीमा के मुद्दे पर भी चर्चा हुई. इस पर भी सहमति हुई है.
मृतक के आश्रित को तत्काल सुरक्षा एजेंसी ने 25 हजार व प्रबंधन ने 10 हजार रुपये दिये. आंदोलन का नेतृत्व व वार्ता में मजदूर नेता मिथिलेश सिंह, धनेश्वर तुरी, सैनाथ गंझू, पुरुषोत्तम पांडेय, करुण सिंह, लखनलाल महतो, देवनाथ महली, प्रभुदयाल सिंह, रामरतन यादव, तिवारी महतो, गुडू यादव, राजू रंजन तिवारी, वैजनाथ मिस्त्री, गौतम बनर्जी, संत कुमार सिन्हा, रवींद्र मिस्त्री व अन्य शामिल थे.

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