भुरकुंडा : भुरकुंडा कोयलांचल व आसपास के क्षेत्र के लाखों लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. सीसीएल की जलापूर्ति विगत आठ दिनों से ठप है. वहीं हुरूमगढ़ा स्थित जलमीनार का मोटर भी खराब हो गया था, जिसे अस्थायी तौर पर वर्तमान में ठीक किया गया है. इलाके के सक्षम लोग पांच सौ से लेकर डेढ़ हजार रुपये तक खर्च कर किसी तरह निजी टैंकर से पानी का जुगाड़ कर रहे हैं.
लेकिन गरीबों के लिए पानी खरीद पाना मुमकिन नहीं है. ऐसे लोगों की जिंदगी जैसे-तैसे कट रही है. सीसीएल प्रबंधन की व्यवस्था भी जुगाड़ तकनीक पर निर्भर है. जैसे-जैसे पंप सेट में खराबी आती है, वैसे-वैसे उसमें जुगाड़ तकनीक का प्रयोग कर पंप को काम चलाने लायक बनाया जाता है.
यही कारण है कि समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो पा रहा है.कुछ ही घंटे में फेल हो गयी जुगाड़ तकनीक : हालात को देखते हुए श्रमिक नेताओं की पहल पर एक पुराने पंप को स्टैंडबाइ के तौर पर पानी टंकी में लगाने के बाद सोमवार को पानी सप्लाई शुरू की गयी. तब इस पंप का एक भी पुरजा ठीक नहीं था. जुगाड़ तकनीक के सहारे इसे चालू किया गया. लेकिन यह पंप सोमवार और मंगलवार को कई बार खराब हुआ.
फिर भी इसमें जोड़-तोड़ कर सप्लाई को जारी रखने की कोशिश की गयी. इस दौरान लोगों को रोटेशन के आधार पर दो-चार सौ लीटर पानी ही मिल सकी. अंतत: मंगलवार शाम से इस पंप ने पूरी तरह जवाब दे दिया. फिलहाल इसे मरम्मत के लिए निजी वर्कशॉप में भेजा गया है. लेकिन इसके बनने की उम्मीद काफी कम बतायी जाती है.
पूर्व के पंप को ठीक होने में लगा सकता है पांच दिन
पानी टंकी में पूर्व से स्थापित पंप सेट करीब आठ दिन पहले खराब हो गया था. मरम्मत के बाद भी पंप ठीक नहीं हो सका. इसके बाद खराब पुरजों को कोलकाता से मंगाने का ऑर्डर दिया जा चुका है. लेकिन पुरजों के यहां आने में अभी भी चार-पांच दिन का वक्त लगने की संभावना है. ऐसे में लोगों को पानी की समस्या से शीघ्र राहत मिलने की उम्मीद नहीं दिखाई पड़ रही है.
सीसीएल टैंकर बंद रहने से भी बढ़ी परेशानी
वर्तमान में सीसीएल की टैंकर सेवा बंद है. बताया जाता है कि टेंडर नहीं होने के कारण लगभग दो माह से टैंकर बंद है. टैंकर के नियमित चलने से लोगों काे काफी हद तक राहत मिलती थी. लोगों ने टैंकर को शीघ्र शुरू करने की मांग की है.
गैर जिम्मेदार है प्रबंधन : लखेंद्र
श्रमिक नेता लखेंद्र राय ने कहा कि जिस काम चलाऊ पंप को यहां लगाया गया, उसका एक भी पुरजा सही नहीं है. इसके सीसीएल की जलापूर्ति विगत आठ दिन से ठपकारण यह पंप फेल हो गया. प्रबंधन केवल जुगाड़ तकनीक के सहारे काम चला रहा है. श्री राय ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन गैर जिम्मेवार हो गया है. सिविल के अफसर अपना फोन तक बंद रखते हैं. ऐसे में इतनी बड़ी आबादी को राहत कैसे मिलेगी. उन्होंने मामले की शिकायत सीएमडी सीसीएल से करने की बात कही है.