जिले में रहा मिला-जुला असर
रामगढ़ : स्थानीयता के मुद्दे पर विभिन्न संगठनों द्वारा आहूत झारखंड बंद का आज रामगढ़ शहर में असर नहीं देखा गया. शहर में दुकानों समेत स्कूल, बैंक, कार्यालय आदि सभी आम दिनों की तरह खुले रहे.
वाहन पड़ाव में कम दूरी के सवारी वाहन आम दिनों की तरह चले. लेकिन लंबी दूरी के सवारी वाहन नहीं चले. मिली जानकारी के अनुसार, भुरकुंडा, उरीमारी, घाटो आदि क्षेत्रों में बंद का असर देखा. कुल मिला कर रामगढ़ जिला में बंद का असर मिला-जुला रहा.
भुरकुंडा/भदानीनगर. स्थानीय नीति की मांग के समर्थन में विभिन्न संगठनों द्वारा शनिवार को आहूत झारखंड बंद का भुरकुंडा कोयलांचल व भदानीनगर के ग्रामीण क्षेत्रों में जोरदार असर रहा.
दोपहर तक सभी दुकानें बंद रहीं. सड़क पर यात्री वाहन नहीं चले. बंद समर्थक सुबह से ही घूम-घूम कर बंद कराते देखे गये. बंद के कारण सीसीएल के कोयला वाले ट्रक भी नहीं चले. मतकमा चौक फोरलेन पर बंद समर्थकों ने सड़क को अवरुद्ध कर दिया था. इसके कारण यहां वाहनों की लंबी कतार लगी थी.
सड़क पर जहां-तहां टायर जलाये गये थे. कुल मिला कर बंद के कारण आम जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा. बंद समर्थकों में झरी मुंडा, रामदास बेदिया, जनार्दन मुंडा, सरयू मुंडा, अशोक करमाली, विजय मुंडा, भवानी गोप, अनिल बेदिया, योगेंद्र यादव, कुलदीप यादव, कृष्णा उरांव, विजेंद्र मुंडा, धनेश्वर मुंडा, दिनेश मुंडा, अनिल खरवार, शशि मुंडा, शिव प्रसाद, रंजीत, तुलसी, अशोक, अजरुन, भीम, मणीभूषण, गोपाल, प्रदीप, उकेश, शिकारी, दर्शन गंझू, सिकंदर बाउरी, आजाद भुइयां, हरिशंकर चौधरी, शिवशंकर भुइयां, राजन करमाली, राजेश मुंडा, मो आजाद, खेमलाल सिंह, रावेल एक्का, रवींद्र पासवान, भोला नायक, अनिल बेदिया, शौकत, रवींद्र कुमार, रतन कच्छप, योगेंद्र यादव, रमेश महतो, बिरजू मुंडा, विक्रम उरांव, अजय उरांव, लालमोहन मुंडा, राजकुमार, राजेश मुंडा, अनिल उरांव, बसंत उरांव, शशि मुंडा, रंजीत, धनेश्वर मुंडा, संदीप उरांव, अनिल बेदिया, जगदीश वाहन, ईश्वर मुंडा, संतोष तुरी आदि शामिल थे.
बेहाल रहे यात्री : बंद के कारण इक्का-दुक्का चल रहे यात्री वाहनों को जहां-तहां बंद समर्थकों द्वारा रोक दिया गया था. मतकमा चौक पर कई यात्री वाहन घंटों फंसे रहे. यात्री बेहाल हो रहे थे.
इन्हीं यात्रियों में शामिल एक पिता ने अपने छोटे बच्चे को पास के एक होटल के बाहर बैठा कर समोसा खिलाया व पानी पिलाया. भुरकुंडा रेलवे स्टेशन पर विभिन्न ट्रेनों से उतरने वाले यात्रियों को अपनी मंजिल तक जाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. उन्हें पैदल ही रवाना होना पड़ा. नजरों से बच कर चल रहे कुछ यात्री वाहनों ने यात्रियों से मनमाने दाम वसूले.
गिद्दी (हजारीबाग). झारखंड बंद का व्यापक असर गिद्दी क्षेत्र में देखा गया. सड़कों पर वाहन नहीं चले. दुकानें बंद रहीं. बंद समर्थकों ने सुबह छह बजे से ही गिद्दी सी ट्रेकर स्टैंड, गिद्दी रेलवे लाइन पुल व गिद्दी चौक में सड़क जाम कर दिया था. इससे कई वाहन जाम में घंटों फंसे रहे.
बंद समर्थकों ने गिद्दी, रैलीगढ़ा, गिद्दी सी व वाशरी कॉलोनी के दुकानों को घुम-घुम कर बंद कराया. झारखंड मूलवासी संघर्ष मोरचा के अध्यक्ष शंकर बेदिया व बहादुर बेदिया ने बंद को पूरी तरह से सफल बताया. उन्होंने झारखंड सरकार से अविलंब स्थानीय नीति लागू करने की मांग की. बंद का नेतृत्व संघर्ष मोरचा के शंकर बेदिया, बहादुर बेदिया, उमेश बेदिया, कार्तिक चौधरी, नेमन यादव, लखनलाल महतो, सेवालाल महतो, नागेश्वर महतो, बबिल रैन, मोबिन अंसारी, खेमनाथ महतो, दिनेश बेदिया, गोविंद राम, राजेश्वर महतो, राजेश टुडू, शिवजी बेसरा, विकास बेदिया, राजेंद्र महतो, घुजेश्वर महतो, छात्र संघ के विजय करमाली, रवि महली, संजय मांझी, अजय महली, विजय मांझी, मेघनाथ, जनाधिकार मंच के रामा उरांव, प्रकाश करमाली, टिंकू साव, राजू साव, बलदेव सिंह, दीपक कुमार, संजय मांझी, उमेश मांझी आदि कर रहे थे.
उरीमारी. स्थानीय नीति की मांग को लेकर शनिवार को झारखंड बंद का बरका-सयाल कोयलांचल में असर देखा गया. उरीमारी व बिरसा प्रोजेक्ट से सौंदा स्थित उरीमारी के बी साइडिंग, उरीमारी टिपला रेलवे साइडिंग समेत सयाल परियोजना से कोयला की ढुलाई नहीं हो सकी.
हालांकि बंद का असर बाजार पर नहीं देखा गया. यात्री वाहन कम संख्या में चले. उरीमारी के जरजरा चौक के पास ट्राइबल्स ड्रीम सरना प्रार्थना सभा सह मूलवासी संघ ने बड़कागांव-उरीमारी मुख्य मार्ग को जाम रखा था. बंद समर्थकों में सत्यनारायण बेदिया, राजेश बेदिया, बिरसा बेदिया, सीताराम मांझी, राजू मांझी, राजू हांसदा, मनोज उरांव, चितरंजन महतो, जीतनाथ उरांव, गोविंद साव, रमेश बेदिया, बिरजू उरांव, रामलाल बेदिया, सुभाष बेदिया आदि शामिल थे.