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हादसे में मरे सभी 14 लोग पतरातू के
भुरकुंडा : मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर ट्रेन और बाेलेराे की टक्कर के बाद पसरा मातम कोड़ी गांव के थे सभी चितरपुर से लाैट रहे थे शवों का हुआ पोस्टमॉर्टम घटना की जांच शुरू भदानीनगर (रामगढ़) : सोमवार रात भुरकुंडा स्टेशन के पास मानवरहित क्रॉसिंग पर भोपाल-हावड़ा एक्सप्रेस से बाेलेराे गाड़ी (जेएच-08बी-9235) टकरा गयी. हादसे में […]
भुरकुंडा : मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर ट्रेन और बाेलेराे की टक्कर के बाद पसरा मातम
कोड़ी गांव के थे सभी
चितरपुर से लाैट रहे थे
शवों का हुआ पोस्टमॉर्टम घटना की जांच शुरू
भदानीनगर (रामगढ़) : सोमवार रात भुरकुंडा स्टेशन के पास मानवरहित क्रॉसिंग पर भोपाल-हावड़ा एक्सप्रेस से बाेलेराे गाड़ी (जेएच-08बी-9235) टकरा गयी. हादसे में मारे गये लाेगाें की संख्या 14 हाे गयी है. सभी पतरातू प्रखंड के कोड़ी गांव निवासी एक ही परिवार के थे. बाेलेराे चालक समेत सभी की पहचान के बाद मंगलवार काे शवाें काे पाेस्टमार्टम कराया गया. काेड़ी गांव में मातम पसरा है.
मारे गये सभी लोग बसंती देवी के घर मारंगमरचा चितरपुर से एक मुंडन संस्कार में शामिल होने के बाद घर लौट रहे थे. तभी रेलवे क्रॉसिंग पर यह हादसा हुआ. मृतकों में सात बच्चे, चार महिलाएं और तीन पुरुष हैं. रेलवे प्रशासन घटना की जांच में जुट गया है.
इनकी गयी जान
रुक्मिणी देवी (55), सरयू ठाकुर (33), लोलेश्वर ठाकुर (27), सविता देवी (25), मंजू देवी (30), मून देवी (23), आरती कुमारी (12), भारती कुमारी (9), आदर्श कुमार (6), अनिकेत उर्फ बाबू (3), आर्यन कुमार (5), प्रियांशु कुमार (2), मुस्कान कुमारी (6) व गाड़ी चालक सह मालिक राजू ठाकुर (26).
सीएम ने की एक-एक लाख रुपये मुआवजे की घाेषणा
रांची. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ट्रेन हादसे पर गहरी संवेदना जताते हुए मारे गये लोगों के परिजनों को एक-एक लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है. उन्होंने रामगढ़ के डीसी और एसपी से दुर्घटना पर पूरी रिपोर्ट मांगी है. पूछा है कि किन वजहों से यह दुर्घटना हुई है, इसकी पड़ताल की जाये.
मौत से सदमे में गांव, बिलखे परिजन
भदानीनगर : सोमवार देर शाम भुरकुंडा रेलवे स्टेशन के समीप बोलेरो में सवार सभी 14 लोगों की मौत से पूरा क्षेत्र दहल गया. घटना की खबर जिसे भी मिली, वह स्टेशन की ओर दौड़ पड़ा. घटनास्थल पर जुटे सभी लोग गम में थे. रेलवे ट्रैक पर लोगों के जूते-चप्पल, कपड़े आदि बिखरे हुए थे.
खून के बिखरे धब्बे व मांस के लोथड़े देख कर लोग स्तब्ध थे. घटना के बाद अब परिवार में विगल ठाकुर, हेमलाल ठाकुर, पत्नी चिंता देवी, पुत्री डॉली व खुशी व पुत्र लक्की बचे हैं. वहीं विगल ठाकुर के भाई स्व शंकर ठाकुर के पुत्र जीवन उर्फ राजू (हादसे के शिकार) के परिवार में राजू की पत्नी व भाई अजय ही बचे हैं. इस हादसे से लगभग एक पूरा वंश ही समाप्त हो गया है.
बताया गया कि रविवार को सभी मारंगमरचा (चितरपुर) मुंडन संस्कार में भाग लेने के लिए रिश्तेदार सुबोध ठाकुर व बसंती देवी के यहां गये थे. रविवार रात सभी ने वहीं गुजारी थी. सोमवार को अपने अन्य रिश्तेदारों से मुलाकात के बाद सभी अपने गांव कोड़ी लौट रहे थे. इसी दौरान रात लगभग 9.15 बजे उक्त लोग घटना के शिकार हो गये.
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