जंगलों के कटाई से पलाश के पेड़ का अस्तित्व समाप्त हो रहा है21 कुजू एफ: पलाश के पेड़ में उगे फूल.कुजू. पलाश के पेड़ में लाल रंग के सुंदर फूल खिलते ही लोगों को फागुन आने का एहसास होने लगता है. फूल उगने के साथ ही लोग होली के दिन गिनने लगते है. सूबे का यह राजकीय पलाश फूल है. जिसकी महत्ता भी अधिक है. लेकिन इस फूल के रंग के जगह अब कृत्रिम रंगों ने स्थान ले लिया है. इसके बावजूद इस फूल से बने रंग का महत्व आज भी गांव कसबों में देखने को मिलता है. इस फूल के महत्ता के बारे में दिगवार निवासी बुद्धदेव महतो, जेठू मुंडा, भरत नारायण महतो, तेतरी देवी आदि ने बताया कि पलाश के फूल केरंग बड़े अच्छे व गाढे होते है. फागुन माह के आते ही यह फूल पेड़ों में दिखायी देने लगते है. उन्होंने कहा कि पहले जब होली के अवसर पर क्षेत्र में रंग की उपलब्धता नहीं होती थी. उस समय ग्रामीण लोग पलाश के फूल तोड़ कर उनसे रंग बना कर होली खेलते थे. अब लोग प्रकृति पलाश के रंग छोड़ कर कृत्रिम रंगों से होली खेलते है. ऐसे में पलाश के फूल का महत्व कम होते जा रहा है. पलाश के फूल का रंग इतना गाढ़ा होता है कि जिस किसी के कपड़े में लग जाय उसका रंग कभी नहीं धुलता. पलाश के पेड़ में लगे फल पेड़ के लटठे भी लोगों के लिए काफी उपयोगी माना जाता है. पलाश के पेड़ में लगे फल कई प्रकार के दवा बनाने के काम में आता है. पलाश के पेड़ के लटठे (गोंद) कागज चिपकाने के उपयोग में करते थे. लेकिन आज जंगलों के अवैध तरीके से कटाई होने के कारण पलाश के पेड़ का अस्तित्व धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहा हैं. जिसे हम सभी को मिल कर संरक्षण देने की जरूरत है.
फागुन का एहसास दिलाने लगता है पलाश का फूल
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