रामगढ़ : बगबिंधा की साधमुनी मुमरू ने कभी सोचा भी नहीं होगा की ममता के अतिरेक में उठाया गया एक गलत कदम न केवल उसके प्राण का संकट उत्पन्न कर देगा, बल्कि उसे जेल भी पहुंचा देगा. नि:संतान 30 वर्षीय महिला सादमुनी मुमरू रामगढ़ प्रखंड के बगबिंधा की रहने वाली है.
सोमवार को वह अपने रिश्तेदार जमींदार हांसदा के घर सरैयाहाट के धनकुटा गांव गई थी. वहीं पड़ोस के बेटका मुमरू के यहां 30 अप्रैल को शादी थी. बच्चियां आयी हुई थी. छोटी-छोटी बच्चियों को देखकर सादमुनी के मन में अपनी संतानहीनता को दूर करने का एक आसान सा उपाय मन में आया और उसने 6 वर्षीय इनी एवं किनी तथा तीन वर्षीय अनिशा को बिस्कुट का पैसा देते हुए कहा कि वह उनकी रिश्ते में नानी है.
बिस्कुट के पैसे देकर उनकी ढाई माह की छोटी बहन एलवीणा को अपनी गोद में ले लिया. बच्चियों के वहां से हटते ही वह एलवीणा को लेकर वह गायब हो गयी. लगभग घंटे भर के बाद जब घर वालों को बच्ची के गायब होने का पता चला तो उन्होंने पाया कि सादमुनी भी गायब थी.
खोजबीन करने पर धोबियाटिकर गांव के सुनील मुमरू तथा उसकी पत्नी ने बताया कि दो-तीन माह की बच्ची के साथ एक अज्ञात महिला गोविंदपुर के पंडवाटोले में मताल हांसदा के घर में है. जबकि बच्ची के परिजनों द्वारा पूछे जाने पर मताल कि पत्नी ने महिला एंव बच्ची के होने से इनकार कर दिया.
जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने कहा कि उक्त महिला तालझरनी के तरफ गई है. इस खोजबीन में सारी रात बीत गई. एक मई की सुबह ग्रामीणों ने बच्ची के साथ सादमुनी को तालझरनी के पास पकड़ लिया. तबतक इस बात की खबर चारों ओर फैल जाने से वहां सैकड़ों की संख्या में भीड़ जमा हो गई थी. लोग सादमुनी को जान से मार देने की बात करने लगे.
सूचना पाकर मौके पर हंसडीहा थाना प्रभारी एसपी सिंह के नेतृत्व में पहुंची पुलिस के हवाले सादमुनी को करने के बजाय भीड़ में शामिल स्वयं इंसाफ करने की बात कर रहे थे. पहाड़पुर पंचायत समिति के सदस्य नेपाल मरीक, गोपाल मरीक, थाना प्रभारी एसपी सिंह की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस सादमुनी को अपने साथ ले जा पाई.
बहरहाल हंसडीहा थाने में भादवि के धारा 363 के तहत मामला दर्ज कर सादमुनी को जेल भेज दिया गया है. और अपह्रत बच्ची एलवीणा को चिकित्सकीय परीक्षण के बाद गुरूवार को उसके माता-पिता को सौंप दिया गया.