पतरातू : पीटीपीएस डैम पर चल रहा सुंदरीकरण कार्य डैम पर भारी पड़ने लगा है. गुरुवार को पीटीपीएस के शेष परिसंपत्ति प्रशासक सहदेव शर्मा के नेतृत्व में निरीक्षण के बाद डैम पर मंडरा रहे खतरे की पुष्टि हुई है. 1960 के दशक में बने इस डैम का बांध कमजोर हो चुका है. टूरिज्म विभाग को […]
पतरातू : पीटीपीएस डैम पर चल रहा सुंदरीकरण कार्य डैम पर भारी पड़ने लगा है. गुरुवार को पीटीपीएस के शेष परिसंपत्ति प्रशासक सहदेव शर्मा के नेतृत्व में निरीक्षण के बाद डैम पर मंडरा रहे खतरे की पुष्टि हुई है. 1960 के दशक में बने इस डैम का बांध कमजोर हो चुका है. टूरिज्म विभाग को सुंदरीकरण के लिए सौंपने से पूर्व यह बात स्पष्ट रूप से बतायी गयी थी कि डैम के बांध पर स्थायी निर्माण से डैम को खतरा हो सकता है. ऊर्जा विभाग के सचिव ने पर्यटन सचिव को भी इस संबंध में पत्र लिखा था.
बावजूद इसके सुंदरीकरण के तहत बांध पर स्थायी निर्माण कर दिया गया. इस दौरान बांध पर गिट्टी, बालू, ईंट लदा ट्रैक्टर भी दौड़ाया गया. बांध पर चले वाहनों के कंपन से इसे अंदरूनी तौर पर क्षति हुई है. इस बांध पर साइकिल चलाने तक की इजाजत नहीं थी. डैम की सुरक्षा के लिए बांध के बगल से बनने वाली रामगढ़-रांची फोरलेन सड़क के निर्माण पर भी रोक लगा दी गयी थी. तब निरीक्षण के बाद एक्सपर्ट ने कहा था कि फोरलेन पर भारी वाहनों के गुजरने से जो कंपन उत्पन्न होगा, उसका सीधा असर इसके बांध पर पड़ेगा. एक्सपर्ट की इस रिपोर्ट के बाद डैम एरिया के समीप फोरलेन के बजाय टू लेन सड़क बनी थी, ताकि डैम को नुकसान न पहुंचे.
स्थायी निर्माण पर आपत्ति जतायी : गुरुवार को निरीक्षण के क्रम में यहां पहुंचे पीटीपीएस के अधिकारियों ने पर्यटन विभाग के अधिकारी राकेश कुमार के समक्ष स्थायी निर्माण पर आपत्ति जतायी. कहा कि पहले से कमजोर बांध पर स्थायी निर्माण से डैम को खतरा बढ़ गया है. अब इस बांध के कैचमेंट एरिया को कटाव से बचाने के लिए पत्थर भी लगाना खतरे से खाली नहीं रहा. प्रशासक श्री शर्मा ने कहा कि ऐसी स्थिति में लगभग 1325 आरएल पानी जमा होने पर ही डैम का फाटक खोल देना पड़ेगा. निरीक्षण में सिविल इंजीनियर सुरेश प्रसाद, संपदा पदाधिकारी विश्वनाथ प्रसाद, सांसद प्रतिनिधि अनिल राय आदि शामिल थे.
ऊर्जा विभाग ने पर्यटन विभाग को पूर्व में ही किया था आगाह
डैम को सुरक्षित रखने के लिए नहीं बनने दी गयी थी फोरलेन सड़क
बांध टूटा, तो तबाह हो जायेंगे दर्जनों गांव
बांध पर साइकिल चलाने तक की इजाजत नहीं थी
डैम का जलस्तर 1320 आरएल पहुंचा
शुरुआती दिनों में ही डैम में 1320 आरएल पानी जमा हो चुका है. 82 वर्ग मील में फैले 110 फीट गहरे इस डैम की क्षमता 1331 आरएल पानी की है. पूर्व में 1329 आरएल पानी जमा होते ही फाटक खोल दिया जाता था. लेकिन वर्तमान परिस्थिति में 1325 आरएल पानी होने पर फाटक नहीं खोला गया, तो पानी के दबाव से कमजोर हो चुके डैम का बांध टूट सकता है.
डैम टूटने पर होगी परेशानी : पीटीपीएस डैम पर वर्तमान खतरे को हल्के में लिया गया, तो बड़ी तबाही मच सकती है. यदि डैम का बांध कहीं से भी टूटा, तो इसमें जमा पानी तेज रफ्तार से आसपास के दर्जनों गांवों को तबाह कर देगा. इसकी चपेट से औद्योगिक क्षेत्र भी नहीं बचेगा.