रामगढ़: सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरमेंट के तत्वावधान में रविवार को गांधी चौक स्थित होटल शिवम में कार्यशाला हुई. कार्यशाला में जिला खनिज फाउंडेशन के कार्यों के बारे में जानकारी दी गयी. दिल्ली की प्रोजेक्ट मैनेजर श्रेष्ठा बनर्जी, डिप्टी मैनेजर राजीव रंजन, चिन्मय शैल्या व आरुषि डिंगरा ने कार्यशाला के बारे में जानकारी दी. प्रोजेक्टर […]
रामगढ़: सेंटर फॉर साइंस एंड इनवायरमेंट के तत्वावधान में रविवार को गांधी चौक स्थित होटल शिवम में कार्यशाला हुई. कार्यशाला में जिला खनिज फाउंडेशन के कार्यों के बारे में जानकारी दी गयी. दिल्ली की प्रोजेक्ट मैनेजर श्रेष्ठा बनर्जी, डिप्टी मैनेजर राजीव रंजन, चिन्मय शैल्या व आरुषि डिंगरा ने कार्यशाला के बारे में जानकारी दी. प्रोजेक्टर के माध्यम से संस्था ने खनन प्रभावित क्षेत्रों के लिए तैयार की गयी जिले भर की रिपोर्ट प्रस्तुत की. प्रोजेक्ट मैनेजर श्रेष्ठा बनर्जी ने बताया कि खनन प्रभावित इलाकों में आज भी कई समस्याएं हैं.
पेयजल, कुपोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित सामाजिक क्षेत्र में अभी भी व्यापक स्तर पर कार्य करने की आवश्यकता है. भारत सरकार ने खनन क्षेत्रों से प्राप्त होनेवाले राजस्व का उपयोग उस क्षेत्र के विकास में करने का निर्देश दिया है. खनन कंपनियां राजस्व वसूल कर राज्य सरकार या केंद्र सरकार को देकर अपना काम पूरा समझ लेती है. सीएसआर के नाम पर काफी कम कार्य किये जाते हैं. संस्था ने झारखंड के कई खनन प्रभावित इलाकों में अध्ययन व सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की है.
एकल या समूह में लिया जा सकता है लाभ : कार्यशाला में बताया गया कि जिला खनिज फाउंडेशन के तहत व्यापक राशि जमा होती है. इसका कार्य जन उपयोगी कार्य के लिए किया जाना है. इसके लिए शासी परिषद व एक प्रबंध समिति होती है. इसके अध्यक्ष जिला के उपायुक्त होते हैं. इनके माध्यम से व्यक्ति स्वयं या फिर समूह बना कर अपने प्रभावित क्षेत्र के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्रस्तुत कर लाभ ले सकता है.
संस्था की रिपोर्ट में जिला में हर क्षेत्र की स्थिति खराब : संस्था ने सर्वे के बाद रिपोर्ट जारी की. इसमें कहा गया है कि राज्य को खनिज क्षेत्र से 2100 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है. इसमें प्रतिवर्ष रामगढ़ जिला को 250 करोड़ रुपये मिलेंगे. संस्था द्वारा जारी रिपोर्ट में पेयजलापूर्ति, स्वास्थ्य, कुपोषण, शिक्षा व रोजगार में जिला की दयनीय स्थिति बतायी गयी है.