भुरकुंडा: उग्रवादियों ने सीसीएल भुरकुंडा एक्सकावेशन के समीप सीएचपी कांटा घर में शुक्रवार की रात बम-गोली चला कर क्षेत्र को दहला दिया. इसमें कांटा घर में मौजूद ट्रांसपोर्टर के मुंशी न्यू बैरेक निवासी राजेंद्र घायल हो गये. सीसीएलकर्मी मो अतीक बाल-बाल बच गये. घायल राजेंद्र को रिम्स भेजा गया है. घटना रात लगभग डेढ़ बजे की है. दो की संख्या में बाइक से दो नकाबपोश यहां पहुंचे. उग्रवादियों ने वहां कांटा कराने के लिए मौजूद हाइवा (जेएच09एसी-2685) के चालक व उपचालक को धमका कर भगा दिया.
थाने से तीन सौ मीटर की दूरी पर हुई घटना : घटना स्थल भुरकुंडा थाना से महज तीन सौ मीटर की दूरी पर स्थित है. इस क्षेत्र में किसी भी उग्रवादी संगठन ने थाना के इतने करीब आकर कभी भी किसी घटना को अंजाम नहीं दिया था. उग्रवादी संगठन की इस दिलेरी को थाना की असफलता के रूप में देखा जा रहा है. लगातार उग्रवादी संगठन यहां दस्तक दे रहा था, लेकिन पुलिस ने इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की. इसके परिणामस्वरूप उग्रवादियों ने थाना के समीप शहरी क्षेत्र के घनी आबादी में आकर घटना को अंजाम दिया. घटना से पूरा क्षेत्र दहशतजदा है. कांटा घर का कामकाज प्रभावित रहा. कोई भी कर्मी कांटा घर में काम करने से कतरा रहे हैं.
बंद है कांटा घर का सीसीटीवी : जिस कांटा घर पर उग्रवादियों ने घटना को अंजाम दिया गया, वहां सीसीएल प्रबंधन ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से सीसीटीवी कैमरा भी लगवाया है. यह सीसीटीवी महीनों से खराब है. लोगों का कहना है कि यदि सीसीटीवी वर्किंग रहता, तो शायद पुलिस को कुछ पुख्ता सबूत हाथ लग सकता था.
निशाने पर है ट्रांसपोर्टिंग कंपनी : सीएचपी कांटा घर पर लगातार हो रहे उग्रवादी हमले के पीछे बलकुदरा में कार्यरत रेड्डी बंधु की पीएलआर कंपनी से लेवी वसूलना है. दरअसल टीएसपीसी इस क्षेत्र में तेजी से अपनी धाक जमाना चाहता है. बलकुदरा आउटसोर्सिंग से उत्पादित कोयले को सौंदा बी साइडिंग भेजा जाता है. यह काम पीएलआर कंपनी करती है. इस दौरान ट्रकों का सीएचपी के कांटा घर में वजन होता है. यह क्रम दिन-रात चलता रहता है. इसी कांटा घर में सीसीएल के ट्रकों का भी वजन होता है. टीएसपीसी की सोच है कि यदि इस कांटा घर को टारगेट किया जायेगा, तो सीसीएल का भी कार्य बाधित होगा. ऐसे में ट्रांसपोर्टर पर पूरा दबाव बनेगा.
जंक खा रहा हथियार : सीसीएल का सिक्योरिटी विभाग निहत्था पेट्रोलिंग करता है. पूर्व में यह विभाग हथियारों के साथ पेट्रोलिंग किया करता था. लेकिन सीसीएल के सभी हथियारों का लाइसेंस अपडेट नहीं होने के कारण उसे जमा करा दिया गया है. यह हथियार जंक खा रहा है. अब पेट्रोलिंग का एकमात्र सहारा सिर्फ लाठी है.