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गहरायेगा जल संकट, पशु कहां जायेंगे

चैनपुर : चैनपुर के सूर्य मंदिर परिसर में स्थित तालाब न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि जल संचयन के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है. तालाब के पानी से आसपास के इलाके में जल स्तर बरकरार रहता है. लेकिन अभी इस तलाब के सहारे रहने वाले लोग चिंता में है. उनकी चिंता का कारण बना है […]

चैनपुर : चैनपुर के सूर्य मंदिर परिसर में स्थित तालाब न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि जल संचयन के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है. तालाब के पानी से आसपास के इलाके में जल स्तर बरकरार रहता है.
लेकिन अभी इस तलाब के सहारे रहने वाले लोग चिंता में है. उनकी चिंता का कारण बना है तालाब का जीर्णोद्धार कार्य. जानकारी के अनुसार भू संरक्षण विभाग ने 16 लाख रुपये की लागत से इस तालाब के जीर्णोद्धार का कार्य स्वीकृत किया है. इसके तहत तालाब का गहरीकरण किया जाना है. अभी वर्तमान में तालाब में लबालब पानी भरा हुआ है. छठ के लिए घाट बना है उसका भी उपयोग लोग नहाने व कपड़ा धोने में करते है. वहीं, पशु भी यहां से पानी पीते हैं. वे कहां जायेंेगे?
गुरुवार को तालाब जीर्णोद्धार का कार्य शुरू हुआ. पांच डीजल पंप लाकर तालाब में लगा दिया गया और पानी निकाला जाने लगा. जब लोगों को इसकी जानकारी मिली, तो स्थानीय लोग और प्रखंड प्रमुख विजय प्रसाद गुप्ता कार्य स्थल पर पहुंचे और इसका विरोध किया.
प्रमुख श्री गुप्ता ने स्पष्ट किया कि इस तरह का कार्य होने नहीं दिया जायेगा. वह तालाब जीर्णोद्धार कार्य का विरोध नहीं कर रहे है. लेकिन जीर्णोद्धार कार्य के लिए जो समय चुना गया है, वह उपयुक्त नहीं है.
आमतौर पर यह तालाब गरमी के मौसम में सूख जाता है. इसलिए गरमी में ही इसका जीर्णोद्धार का कार्य होना चाहिए. जरूरत पड़ने पर इस मांग को लेकर वह पलामू उपायुक्त से भी मिलेंगे. क्योंकि यह समस्या आमलोगों के साथ जुड़ी हुई है.
जिप सदस्य शैलेंद्र कुमार शैलू ने कहा कि लगता वित्त वर्ष के समाप्ति के पहले योजना के राशि की बंदरबांट के उद्देश्य को लेकर ऐसा हो रहा है. नहीं तो कहीं भी ऐसा नहीं होता, जब ठंड के मौसम में जिंदा तालाब का जीर्णोद्धार का कार्य शुरू होता है.
तालाब का जीर्णोद्धार का कार्य आमतौर पर गरमी के मौसम में होता है, जब तालाब आहर सूख जाते हैं. गरमी के मौसम में तालाब गहरीकरण का लाभ यह होता है कि जब बरसात का पानी आता है, तो क्षमता बढ़ती है और लोगों को लाभ मिलता है. जिप सदस्य श्री शैलू ने कहा कि इस मामले को लेकर वे लोग चुप बैठने वाले नही है. पंचायत प्रतिनिधि उपायुक्त से मिल कर उन्हें जनभावना से अवगत करायेंगे.मुखिया पूनम सिंह ने भी कड़े शब्दों में इस कार्य का विरोध किया है.
विरोध करने वालों में पंसस अखिलेश कुमार, काशी प्रसाद, वेद प्रकाश आर्य, मो. फारूख, आनंद कुमार, उपेंद्र कुमार आदि का नाम शामिल है.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
भूमि संरक्षण पदाधिकारी विजय बहादुर सिंह का कहना है कि इस कार्य को इसी वित्तीय वर्ष में कार्य पूरा करना है. इसलिए कार्य शुरू कराया गया है. जनप्रतिनिधि स्थानीय लोगों के साथ बैठक कर तय कर ले कि इस मामले में करना क्या है. उसके अनुरूप आगे की कार्रवाई की जायेगी. वैसे यदि जीर्णोद्धार का कार्य हो जाता हो, आगे भविष्य में इसका लाभ मिलता. बताया गया कि यह योजना स्थानीय विधायक आलोक कुमार चौरसिया के अनुशंसा पर स्वीकृत की गयी है.
15 फरवरी तक करना है कार्य पूरा
जिप सदस्य डॉ. मीना गुप्ता इस कार्य के समर्थन में है. उनका कहना है कि व्यक्तिगत प्रयास कर इस योजना को स्वीकृति दिलायी है. गुरुवार को विभाग से फोन आया था कि 15 फरवरी तक कार्य पूरा कर लें अन्यथा योजना रद्द हो जायेगी. इस परिस्थिति में कार्य शुरू करा दिया गया है. पानी की बर्बादी नहीं की जा रही है बल्कि कार्य के लिए उसे निकाला जा रहा है. जब कार्य पूरा हो जायेगा, तो डीप बोरवेल के माध्यम से पानी भर दिया जायेगा. स्वार्थ की पूर्ति नहीं होने के कारण कुछ लोग इसका विरोध कर रहे है.

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