मेदिनीनगर : पलामू जिले के विभिन्न गांवों में वनपट्टा के दावेदारों पर वन विभाग द्वारा किये गये फरजी केस व नोटिस को वापस लेने सहित छह सूत्री मांगों को लेकर वनपट्टा दावेदारों ने उपायुक्त कार्यालय के समक्ष रोषपूर्ण प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के बाद राज्यपाल के नाम उपायुक्त को मांग पत्र सौंपा गया.
झारखंड वन अधिकार मंच के बैनर तले गुरूवार को शिवाजी मैदान से रैली निकाली गयी. रैली में चैनपुर, नौडीहा बाजार, रामगढ़ सहित कई प्रखंडों के वनपट्टा दावेदारों ने काफी संख्या में भाग लिया. रैली का नेतृत्व मंच के राज्य समन्वयक बनारसी सिंह व राज्य समन्वयक अनील गुडिया कर रहे थे. उपायुक्त कार्यालय पर प्रदर्शन के बाद वनपट्टा दावेदारों ने धरना कार्यक्रम किया. धरना कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि वर्षों से वन भूमि पर जोत-कोड कर खेती कर जीवनयापन कर रहे आदिवासियों व अन्य परंपरागत समूहों के लोगों को वन विभाग द्वारा परेशान किया जा रहा है.
जिले के कई गांवों में यह स्थिति कायम है. वन विभाग के लोग उनके फसलों को बर्बाद कर रहे है और उनके घरों को ध्वस्त किया जा रहा है. चैनपुर, रामगढ़ के कई गांवों में इस तरह की घटना हुई है. वन विभाग के लोग वनपट्टा दावेदारों को झूठे केसों में फंसा रहे हैं, ताकि उन्हें जेल भेजा जा सके. विभाग द्वारा उन लोगों पर वन भूमि अतिक्रमण करने का आरोप लगा कर नोटिस भेजा जा रहा है. वक्ताओं ने कहा कि वन विभाग द्वारा वैसे लोग को भी नोटिस जारी किया गया है, जो दावा पत्र दाखिल कर रसीद प्राप्त कर चुके हैं.
लोगों ने राज्यपाल से इस मामले में पहल करने की मांग की है. लोगों ने कहा कि विभाग ने इस अधिनियम की धारा 4 के 5 का उलंघन कर रही है. मौके पर मंच के वकिल सिंह, भाकपा माले के रविन्द्र भुईयां, सरफराज आलम ,दानिस खान, शिवकुमार सिंह, राजाराम सिंह, विमलेश उरांव, धनेश्वर सिंह, ज्योति सोरेन, जनेश्वर मिस्री, जितनी देवी, सुमित्रा देवी, लखपतिया देवी, सुनिता देवी, बिंदी देवी,धनवती देवी आदि शामिल थे.