मेदिनीनगर : मेदिनीनगर में प्रतिदिन औसतन लोग दो लाख रुपये के पानी की खरीदारी कर रहे हैं. ट्रेंड बदला है. पहले दुकानों में घड़े और सुराही होते थे. उसके माध्यम से दुकानदार ठंडा पानी का प्रबंध करते थे. लेकिन पानी की किल्लत और आसानी से उपलब्ध हो रहे मिनरल वाटर के जार ने लोगों को इसकी ओर प्रेरित किया है.
पहले भार पर पानी भरने वाले मजदूरों से पानी भरवा कर घड़े और सुराही को भरा जाता था. इसके लिए भी मजदूरी भुगतान व्यवसायियों को करना पड़ता था. लगन व अन्य कारणों से जब भार पर पानी भरने वाले मजदूर शहर में नहीं आये, तो लोगों को पानी की कमी झेलनी पड़ती थी. पर अब ऐसी स्थिति नहीं है. बस एक कॉल किया और मिनरल वाटर का जार कुछ ही देर बाद गंतव्य स्थान पर पहुंच जाता है.
मिनरल वाटर का 15 लीटर का जार मेदिनीनगर में 50 रुपये में उपलब्ध है. चैनपुर के हरभोंगा में स्थापित अभी मम वाटर के मार्केटिंग सेल के लोगों की मानें, तो प्रतिदिन 15 लीटर वाले 2000 जार की खपत मेदिनीनगर में है.
इस दृष्टिकोण से यदि देखें, तो सिर्फ जार के पानी पर एक लाख रुपया प्रतिदिन लोग खर्च कर रहे हैं. लोग इसके प्रति इसलिए भी आकर्षित हुए हैं,क्योंकि जार का पानी 24 घंटे तक ठंडा रहता है. इसलिए बिना बेझिझक इसे खरीदना पसंद कर रहे हैं. इसके अलावा मिनरल वाटर की बोतल की भी खपत बढ़ी है.
सफर में लोग इसे लेकर चलना पसंद करते हैं. जहां कोल ड्रिंक है, वहां मिनरल वाटर उपलब्ध है. होटलों में ऑन डिमांड इसे उपलब्ध कराया जा रहा है. होटल संचालकों की मानें, तो होटलों में आने वाले 50 प्रतिशत से ग्राहक मिनरल वाटर ही पसंद करते हैं. इसके दो कारण है, एक तो शुद्ध पानी और दूसरा ठंडा. ऐसे में लोगों को यह भाता है.