किरीबुरू : ओड़िशा के सुंदरगढ़ जिला अंतर्गत झारखंड सीमा से सटे गुरुंडिया थाना के जोड़ा जंगल में पुलिस और सीआरपीएफ की टीम ने पीएलएफआइ के दो हार्डकोर उग्रवादियों को मार गिराया. शनिवार देर शाम हुई मुठभेड़ में कई वारदातों में शामिल रहे शंकर मुंडा और भीमा पुलिस की गोलियों के शिकार हुए.
दोनों झारखंड की सीमा से सटे ओड़िशा के बिसरा थाना क्षेत्र के एरला गांव के रहनेवाले थे. राउरकेला में प्रेसवार्ता में आरके शर्मा (आइजी), अनिरूद्ध सिंह (एसपी) एवं गोपाल गुप्ता (उप कमांडेट, सीआरपीएफ) ने संयुक्त रूप से रविवार को बताया कि दोनों उग्रवादियों को मार गिराने के लिए दो घंटे तक अभियान चलाना पडज़ा. इनके पास से पुलिस ने दो कारबाइन, चार मैगजीन ( एक-एक कारबाइन लगा था), 56 जिंदा व दो खाली कारतूस, 54 हजार रुपये, दो बैग, तीन मोबाइल, एक पीले रंग की अपाची बाइक (जेएच 01एस-7478) जो रांची निवासी राजेंद्र राम के नाम से रजिस्टर है, दवा व अन्य जरूरत के सामान बरामद किये गये हैं. आइजी आरके शर्मा ने बताया की खुफिया विभाग से सूचना मिली थी कि पीएलएफआइ के 10-12 हथियारबंद सदस्य गुरुंडिया थाना क्षेत्र के सिरगिरहा, बरहाकुदर एवं जरहा के जंगल में सक्रिय हैं.
इसके बाद अालेख गार्दिया (सब इंस्पेक्टर) के नेतृत्व में 10 कमांडो व एक यूनिट डीवीएफ फोर्स को साडो (सर्च एंड डिस्ट्रॉय ऑपरेशन) ऑपरेशन पर भेजा गया. सिरगिरहा व जरहा जंगल में पीएलएफआइ सदस्यों का कैंप दिखा. पुलिस को आते देख उधर से फायरिंग शुरू हो गयी. जवाबी कार्रवाई में दो उग्रवादी ढेर हो गये. दोनों पीएलएफआइ के सक्रिय सदस्य थे. दोनों पर झारखंड व ओड़िशा के सीमावर्ती थानों में कई मामले दर्ज हैं
माओवादियों व पीएलएफआइ का जमावड़ाकिरीबुरुझारखंड से सटे ओड़िशा के गुरूंडिया थाना क्षेत्र के जंगलों में पिछले कुछ दिनों से माओवादियों व पीएलएफआइ नक्सलियों का जमावड़ा व गतिविधियां निरंतर बढ़ रही है. सूत्रों के अनुसार, उक्त थाना क्षेत्र के जंगलों में अपने-अपने संगठन व क्षेत्र का विस्तार में नक्सली जुटे हैं. दोनों संगठन एक-दूसरे के इतने करीब आ गये थे कि दोनों के बीच मुठभेड़ की नौबत आ गयी थी.
इसी बीच, पीएलएफआइ के साथ ओड़िशा पुलिस की मुठभेड़ हो गयी. इसमें दो नक्सली मारे गये. सारंडा से पीछे हटने के बाद माओवादी सीमावर्ती ओड़िशा के जंगलों में निरंतर गतिविधियां बढ़ा अपना संगठन व क्षेत्र का विस्तार कर रहे हैं. पीएलएफआइ भी माओवादियों के प्रभाववाले क्षेत्रों में घुसने की कोशिश में लगा है. इसी वजह से दोनों संगठनों के बीच आपसी मुठभेड़ की आशंका बनी रहती है.