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चिकित्सक की टीम पहुंची, जांच की

डीसी के निर्देश पर एसडीअो पहुंचे विषयपुर छतरपुर : छतरपुर थाना क्षेत्र के अति नक्सल प्रभावित हुलसुम पंचायत के विषयपुर गांव में पिछले 12 दिन में एक ही परिवार के तीन सदस्य की मौत हो गयी. बताया जाता है कि एनीमिया व कुपोषण के कारण इनकी मौत हुई है. जानकारी के अनुसार रविवार के रात […]

डीसी के निर्देश पर एसडीअो पहुंचे विषयपुर
छतरपुर : छतरपुर थाना क्षेत्र के अति नक्सल प्रभावित हुलसुम पंचायत के विषयपुर गांव में पिछले 12 दिन में एक ही परिवार के तीन सदस्य की मौत हो गयी. बताया जाता है कि एनीमिया व कुपोषण के कारण इनकी मौत हुई है.
जानकारी के अनुसार रविवार के रात में विद्यानंद सिंह की गर्भवती पत्नी सुनिता देवी व पुत्री सोनम कुमारी की मौत हो गयी थी. इसके बाद जिला प्रशासन सक्रिय हुआ. पलामू उपायुक्त अमीत कुमार के निर्देश के आलोक में छतरपुर एसडीओ अमरेंद्र कुमार सिन्हा के नेतृत्व में चिकित्सा दल मंगलवार को विषयपुर गांव पहुंचा. बताया जाता है कि उस गांव में जाने के लिए कच्चा रास्ता भी नहीं है.
एसडीओ व चिकित्सा दल के लोग मोटरसाइकिल से किसी तरह उस गांव में पहुंचे. मृतका सुनिता देवी के पति विद्यानंद सिंह के घर के पास स्वास्थ्य कैंप लगाया गया. विद्यानंद सिंह की आठ वर्षीय पुत्री पिंटू कुमारी व पांच वर्षीय पुत्री पूनम कुमारी भी बीमार थी. चिकित्सा दल गांव में पहुंचा है. इसकी खबर मिलते ही गांव में जो लोग बीमार थे, वे लोग वहां पहुंच गये. 24 से अधिक लोगों का इलाज किया गया. विद्यानंद सिंह ने एसडीओ को आपबीती बतायी. कहा कि वह मजदूरी करता है, किसी तरह अपने परिवार का भरण-पोषण करता था.
आर्थिक अभाव के कारण उसकी पत्नी व बेटी की मौत हो गयी. अब दो संतान बचे हैं, दोनों की स्थिति भी नाजुक है. अब वह इन दोनों का इलाज कैसे कराये, समझ में नहीं आ रहा है. एसडीओ ने उसे आर्थिक सहयोग किया और इलाज की संपूर्ण व्यवस्था करने का आश्वासन दिया. एसडीओ ने चिकित्सा प्रभारी डॉ राजेश अग्रवाल को निर्देश दिया कि इस गांव में विशेष नजर रखी जाये और लोगों का इलाज बेहतर तरीके से किया जाये. गांव में बुनियादी सुविधा का अभाव : छतरपुर मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर अति नक्सल प्रभावित गांव विषयपुर. इस गांव में आदिवासी समाज के 65 घरों में 800 लोग रहते हैं. अधिकतर लोग मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं.
आजादी के 70 वर्ष के बाद भी इस गांव में विकास की रोशनी नहीं पहुंची. गांव अभी भी बुनियादी सुविधाओं से काफी दूर है. गांव के लोग कई बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं. गांव में न तो जाने की सड़क है, और न ही बिजली पहुंची है. चार वर्ष में हुई 25 लोगों की मौत : गांव के लोगों ने बताया कि पिछले चार वर्ष में डायरिया, मलेरिया व एनीमिया की चपेट में आने से गांव के 25 लोगों की मौत हो चुकी है.
चूंकि इस गांव के लोग अशिक्षित है, जब भी कोई बीमारी होती है, उसका इलाज कराने के बजाये झाड़फूंक कराने में ही समय बीता देते है. एसडीओ श्री सिन्हा ने कहा कि इस गांव का समुचित विकास होगा और समस्याएं दूर होंगी. इसके लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया जायेगा. वैसे पंचायत सेवक को बुधवार को इस गांव में भेजा जायेगा और जिन लोगों का राशन कार्ड, वृद्धावस्था पेंशन व आवास नहीं है, उन्हें उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू की जायेगी.

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