अोके…नदी में लगातार समाहित हो रही है कृषि भूमि कभी गांव के किनारे हुआ करता था, अब सोन के बीच स्थित है शिवलिंगफोटो:–29एचडीएन01–सोन नदी के कटाव से उत्पन्न स्थिति फ्लैग…कोयल व सोन के कटाव से बढ़ती जा रही है किसानों की चिंता, कारगर पहल नहीं हैदरनगर (पलामू). पलामू जिला अंतर्गत हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र मोहम्मदगंज के कादल कुमी से हुसैनाबाद के दंगवार गांव तक है. 30 किलोमीटर इस इलाके में 15 किलोमीटर में कोयल व 15 किलोमीटर क्षेत्र में सोन नदी अवस्थित है. कोयल व सोन नदियों के तटवर्ती इलाके के किसान इस बात को लेकर चिंतित हैं कि लगातार उनकी कृषि योग्य भूमि का कटाव हो रहा है. आने वाले दिनों में तटबंध की व्यवस्था नहीं की गयी, तो उनके पास कुछ भी नहीं बचेगा. अब तक इन क्षेत्रों की हजारों एकड़ भूमि नदी में समाहित हो चुकी है. कोयल नदी से प्रभावित इलाकों में मोहम्मदगंज, भजनिया, सहार बिहरा, बडीहा, पंसा, अधौरा व रानी देवा है.सोन नदी के कटाव से कबरा कला, कबरा खुर्द, परता, सजवन ,सोनपुरवा, देवरी, घोडबंधा, बुधुआ, शिवा बिगहा, डुमरहथा व दंगवार के किसान प्रभावित हैं. वर्ष 2008 में जल संसाधन विभाग, झारखंड सरकार के अभियंताओं ने कटाव वाले इलाकों का दौरा कर तटबंध के लिए सर्वे किया था. दंगवार इलाके के कुछ भाग में बोल्डा पिचिंग का काम करा कर कटाव को रोकने का काम भी हुआ. मगर उसके बाद आज तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गयी. निवर्तमान विधायक संजय कुमार सिंह यादव ने 2010 में किसानों को आश्वासन दिया था कि नदियों के कटाव वाले इलाके को चिह्नित कर तटबंध की व्यवस्था की जायेगी. मगर कोई खास कार्रवाई नहीं की गयी. निवर्तमान जिला परिषद उपाध्यक्ष विनोद कुमार सिंह के आश्वासन के बाद किसानों की आस बंधी थी. कार्यकाल बीत जाने के बावजूद अबतक कोई कारगर पहल नहीं दिख रही है. रानी देवा के मुनी प्रसाद सिंह, उपेंद्र सिंह, कामेश्वर सिंह, कबरा कला इलाके के किसान प्रसिद्ध सिंह, हसन इमाम, देवरी के नर्वदेश्वर सिंह, बनकट के घुरा पाल, डुमरहथा के अयोध्या सिंह टिकैत, बुधुआ के अरविंद सिंह, जाफर इमाम , दंगवार के किसान संतोष चौधरी, संजय चौधरी समेत सैकड़ों किसानों ने बताया कि कटाव से बचाव की व्यवस्था नहीं की गयी, तो किसानों की कृषि योग्य भूमि धीरे–धीरे नदी में समाहित हो जायेगी. कबरा के किसान सालिक चौधरी ने बताया कि वर्तमान में सोन नदी के बीच स्थित शिव लिंग कभी कबरा कलां गांव के किनारे सोन नदी के तट पर हुआ करता था. अब वही शिव लिंग सोन नदी के बीच स्थित है. एक सौ साल में नदी का पाट दो गुणा हो गया है. समय पर तटबंध की व्यवस्था नहीं की गयी, तो कई गांव नदी में समाहित हो जायेंगे. किसानों ने राज्य की सरकार से सोन व कोयल नदी के कटाव वाले क्षेत्र में तटबंध निर्माण की मांग की है.
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ओके…नदी में लगातार समाहित हो रही है कृषि भूमि
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