गरीबों के दाल भात पर 23 करोड़ खर्चविशेष संवाददातारांची : राज्य में गरीबों के लिए चलाये जा रहे दाल-भात केंद्र पर इस वर्ष 23 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है. इसके अलावा रात्रिकालीन और आदर्श दाल भात केंद्रों पर करीब 21 लाख रुपये के खर्च का अनुमान है.राज्य में फिलहाल 370 दाल भाग केंद्र चलाये जा रहे हैं. 15 अगस्त 2011 को राज्य के 24 जिलों में कुल 100 दाल-भात केंद्र खोले गये थे. इसके बाद अक्तूबर 2011 में राज्य के हर प्रखंड में एक-एक के हिसाब से 260 दाल-भात केंद्र खोले गये. श्रमिकों की स्थिति को देखते हुए इसके अलावा धनबाद में चार, रांची और जमशेदपुर में तीन-तीन केंद्र खोले गये. इस तरह राज्य में कुल 370 दाल-भात केंद्र चल रहे हैं. इन केंद्रों पर पांच रुपये में दाल-भात खिलाये जाते हैं. शहरी क्षेत्र के केंद्र पर प्रतिदिन 400, नगर पंचायत क्षेत्र में 300 और ग्रामीण क्षेत्र में पड़नेवाले दाल-भात केंद्रों पर प्रतिदिन 200 लोगों को खाना खिलाने की व्यवस्था है. सरकार की ओर से 2100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से चावल खरीद कर दाल-भात केंद्रों को 100 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर दिया जाता है. सरकार सोयाबीन बरी और चना खरीद कर इन केंद्रों को देती है. सोयाबीन और चना की लागत करीब 4500 रुपये प्रति क्विंटल है. केंद्र संचालकों से सोयाबीन और चना का पैसा नहीं लिया जाता है. सरकार ने अब रांची, धनबाद, जमशेदपुर, हजारीबाग और पलामू में रात्रिकालीन कुल सात दाल-भात केंद्र खोलने का फैसला लिया है. इन केंद्रों पर चालू वित्तीय वर्ष के बाकी बचे महीनों में करीब 14 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है. इसके अलावा आदर्श दाल-भात केंद्रों पर सात लाख रुपये के खर्च का अनुमान है.
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गरीबों के दाल भात पर 23 करोड़ खर्च
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