लाभुकों को नहीं मिला अक्तूबर का अनाज 48458 टन चावल व 14463 टन गेहूं फंसा राशन कार्ड नहीं बंटने से समस्या बढ़ीसंजय, रांचीराज्य के अंत्योदय व प्राथमिकतावाले ज्यादातर लाभुकों को अक्तूबर का अनाज नहीं मिला है. भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) के गोदाम से इस अनाज का पूरा उठाव भी अब तक नहीं किया गया है. वहीं अधिकतर जिलों में अंत्योदय के अनाज का उठाव कर इसे एसएफसी गोदाम में रख दिया गया है. राशन कार्ड नहीं बनने तथा इसका वितरण नहीं होने से जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) के दुकानदार लाभुकों को अनाज नहीं दे रहे. इससे राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) के गोदामों से अनाज की निकासी नहीं हो रही तथा यहां अौर अनाज रखने की जगह भी नहीं है. नियमत: एफसीआइ के गोदाम से संबंधित माह का अनाज उससे पहले माह में ही उठा लिया जाता है. रांची, खूंटी, गुमला, प सिंहभूम व दुमका जिले के अंत्योदय लाभुकों के अक्तूबर माह का अनाज एफसीआइ से नहीं उठाया गया है. प्राथमिकता वाले परिवारों के अनाज की भी यही स्थिति है. अंत्योदय लाभुकों के 2746 टन चावल व 3478.15 टन गेहूं तथा प्राथमिकता वाले लाभुक परिवारों का 45712.36 टन चावल व 10985.09 टन गेहूं का एफसीआइ से उठाव 29 अक्तूबर तक नहीं हो सका है. यह अनाज उठाने के लिए एफसीआइ ने एसएफसी को पांच नवंबर तक का अंतिम समय दिया है. समस्या अौर बढ़ेगी एक विभागीय अधिकारी के अनुसार यह पूरी समस्या खाद्य आपूर्ति विभाग की लापरवाही का नतीजा है. खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू करने की पूरी तैयारी अब तक नहीं हुई है. अधिकारियों ने काम पूरा करने के लिए झूठ का सहारा लिया है. आज भी खाद्य सुरक्षा अधिनियम के सभी लाभुकों का न तो कार्ड बना है अौर न बंटा है. जबकि विभाग ने अधिनियम लागू होने से पूर्व समीक्षा बैठक के दौरान सभी जिला आपूर्ति पदाधिकारियों (डीएसअो) से यह लिखित लिया था कि उनके जिले में सभी लाभुकों का राशन कार्ड बन गया है और वितरित भी हो गया है. इसीका नतीजा है कि खाद्यान्न वितरण का काम अव्यवस्थित हो गया है. एसएफसी लाचार अनाज वितरित करने का सिस्टम यह है कि एसएफसी भारत सरकार के एफसीआइ से अनाज का उठाव करता है. इसके बाद एसएफसी के गोदाम से अनाज पीडीएस डीलरों तक पहुंचता है. इधर कार्ड की समस्या के कारण ज्यादातर डीलर अनाज बांटने में असमर्थ हैं.एसएफसी का गोदाम अनाज से भर गया है. ऐसे में नवंबर माह के अनाज का उठाव भी मुश्किल है. खास कर तब, जबकि गोदाम में चीनी व नमक भी आ रहा है. राशन कार्ड बंटना बाकी एक विभागीय अधिकारी के मुताबिक राज्य की जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) के करीब 60 फीसदी लाभुक परिवारों को डिजिटाइज्ड राशन कार्ड अब तक नहीं मिल सका है. विलंब का कारण सभी राशन कार्ड की प्रिटिंग तथा इनका वितरण नहीं होना है. खाद्य आपूर्ति विभाग ने राज्य भर में कुल 54.71 लाख पीडीएस उपभोक्ता परिवारों को चिह्नित किया था. स्क्रुटनी के बाद इनमें से 51.70 लाख आवेदन वैध पाया गया. विभाग इतने ही परिवारों (अंत्योदय : 917751 तथा प्राथमिकता वाले परिवार : 4252408) को योग्य लाभुक मान रहा है. पर इनमें से अब तक करीब 20 लाख परिवारों को ही राशन कार्ड उपलब्ध कराया जा सका है. वर्जन : कार्ड बंटने की समस्या नहीं है. राज्य भर में कार्ड बंट गये हैं. गुमला व चाईबासा में थोड़ी समस्या थी, उसे ठीक कर लिया गया है. एफसीआइ से गेहूं नहीं मिलने के कारण थोड़ी समस्या हुई है. पर सब ठीक हो जायेगा. विनय चौबे, सचिव खाद्य आपूर्ति वर्जन : राशन कार्ड नहीं बंटने से समस्या हो रही है. कार्ड के बगैर राशन बांटा नहीं जा सकता. इसलिए हमारे ज्यादातर गोदाम भरे हैं. जहां कार्ड बंटा है, वहां अनाज बंट रहा है. पर किसी जिले में अनाज का वितरण पूरी तरह नहीं हो सका है. एेसे में नवंबर व इसके बाद भी समस्या रहेगी. बालेश्वर सिंह, प्रबंध निदेशक, राज्य खाद्य निगमअंत्योदय अनाज का उठाव नहीं जिला ® अनाज ® मात्रा (टन में)रांची ® चावल ® 469.28खूंटी ® चावल ® 21.60गुमला ® चावल ® 21.55प. सिहंभूम ® चावल ® 1562.41दुमका ® चावल ® 671.25कुल ® 2746.10 टन(अंत्योदय के गेहूं तथा प्राथमिकता वाले परिवार का चावल व गेहूं दोनों का उठाव किसी जिले में पूरा नहीं हुआ है)
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लाभुकों को नहीं मिला अक्तूबर का अनाज
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