बढ़ती जनसंख्या से देश में असंतुलन भारत कृषि प्रधान देश है. यहां के ज्यादातर निवासियों की जीविका इसी पर निर्भर है, लेकिन बढ़ती आबादी के कारण आज हमारे देश में खाद्यान्नों का आयात करना पड़ रहा है. बढ़ती आबादी का ही नतीजा है कि देश की सरकार और अभिभावकों को भारी बोझ का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, जनसंख्या में वृद्धि का हमारी अर्थव्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. इसके साथ ही, अनेक प्रकार की समस्याएं भी पैदा हो रही हैं. गरीबी, भुखमरी, विदेशी ऋण, बेरोजगारी, अपराध आदि में वृद्धि जनसंख्या विस्फोट के कारण हो रही है. यह हमारे देश के लिए बहुत बड़ी समस्या है. यदि समय रहते इस समस्या का हल नहीं निकाला जा सका, तो देश की ज्यादातर आबादी की दयनीय स्थिति में सुधार कर पाना संभव नहीं है. सरकार के साथ-साथ समाज के लोगों को भी जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाने के लिए आगे आना होगा. रवि कुमार वर्मा, रांची
बढ़ती जनसंख्या से देश में असंतुलन
बढ़ती जनसंख्या से देश में असंतुलन भारत कृषि प्रधान देश है. यहां के ज्यादातर निवासियों की जीविका इसी पर निर्भर है, लेकिन बढ़ती आबादी के कारण आज हमारे देश में खाद्यान्नों का आयात करना पड़ रहा है. बढ़ती आबादी का ही नतीजा है कि देश की सरकार और अभिभावकों को भारी बोझ का सामना करना […]
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