केंद्र को भेजी गयी रिपोर्ट फ्लैग : सूखा़ मुख्यमंत्री ने की बैठक, राज्य में खेती की स्थिति का लिया जायजा – कृषि मंत्री ने कहा, स्थिति बहुत अच्छी नहीं मुख्यमंत्री ने दिया निर्देश – सभी जिलों के डीसी टाॅस्क फोर्स बना कर 15 तक प्रखंडवार रिपोर्ट और तसवीर सौंपें – किसानों को केसीसी के माध्यम से अधिक से अधिक ऋण दें – जहां जल संसाधन उपलब्ध है, वहां से सिंचाई करें- मनरेगा काे चालू रखें. इससे ज्यादा लोगों को जोड़ें सबसे अधिक पश्चिमी सिंहभूम में नुकसान कृषि मंत्री ने बताया कि सितंबर में हुई कम बारिश का आकलन किया गया है़ रांची, सिमडेगा, हजारीबाग, गढ़वा, पलामू और रामगढ़ जिले में 30 फीसदी फसल को नुकसान हुआ है. लोहरदगा में 35 और पश्चिमी सिंहभूम में 38 फीसदी फसल को नुकसान हुआ है. अन्य जिलों में 15 से 20 फीसदी फसल को नुकसान हुआ है. ऊपरी जमीन में लगी धान की अधिकतर फसलें नष्ट हो गयी हैं. मध्यम जमीन पर भी असर दिखने लगा है. निचली जमीन पर फसल ठीक है. लातेहार, गढ़वा, पलामू और चतरा जिले में करीब 30 से 40 फीसदी मक्के की फसल को नुकसान हुआ है. टॉस्क फोर्स की बैठक हर सप्ताह करने का निर्देश कृषि मंत्री ने बताया कि जिलास्तरीय टॉस्क फोर्स की बैठक प्रत्येक सप्ताह आयोजित करने का निर्देश दिया गया है. सभी उपायुक्तों को इसकी समीक्षा करने को कहा गया है. किसानों को हर संभव सहायता उपलब्ध करायी जायेगी. बैठक में कौन-कौन थे विभागीय मंत्री रणधीर कुमार सिंह, विभागीय सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी, कृषि निदेशक डॉ जटाशंकर चौधरी और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे. वरीय संवाददातारांची : झारखंड में सुखाड़ की आशंका के बीच मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बुधवार को अपने आवास पर खेती की स्थिति की समीक्षा की़ सरकार ने सभी जिलों में सूखे का प्रारंभिक आकलन कराया है़ समीक्षा बैठक में निर्णय लिये जाने के बाद इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी गयी़ रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य में 30 फीसदी तक धान की फसल को क्षति पहुंची है़ मक्का की फसल करीब 10 फीसदी बरबाद हुई है़ खरीफ मौसम में कम बारिशबैठक के बाद कृषि मंत्री रणधीर कुमार सिंह ने बताया : खरीफ मौसम में कम बारिश हुई है. मुख्यमंत्री को राज्य की वर्तमान स्थिति से अवगत करा दिया गया है. मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के उपायुक्तों को टॉस्क फोर्स बना कर 15 अक्तूबर तक प्रखंडवार रिपोर्ट मांगी है. रिपोर्ट के साथ-साथ तसवीर भी भेजने को कहा गया है. अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि किसानों को केसीसी के माध्यम से अधिक से अधिक ऋण उपलब्ध करायें. इस बार करीब पांच लाख किसानों ने फसल बीमा कराया है. अधिकारियों को कहा गया है कि जहां कुछ जल संसाधन उपलब्ध है, वहां से फसल को बचाने के लिए सिंचाई करें. मनरेगा काे चालू रखें. इससे ज्यादा लोगों को जोड़ें. सुखाड़ के इंडेक्स में अभी फिट नहीं कृषि निदेशक जटाशंकर चौधरी ने बताया : सुखाड़ के लिए भारत सरकार की जो गाइड लाइन है, उसके अनुसार 50 फीसदी से कम बारिश और रोपा होने चाहिए. राज्य में रोपा करीब 90 फीसदी हो गया है. बारिश भी 50 फीसदी से ऊपर है. वेजीटेशन इंडेक्स और माइस्चर इंडेक्स से भी आकलन होता है. इसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है. राज्य में मॉनसून पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है. वैसे अभी बारिश हुई भी तो बहुत फायदा नहीं होनेवाला है. कुछ राहत मिल सकती है.
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केंद्र को भेजी गयी रिपोर्ट
केंद्र को भेजी गयी रिपोर्ट फ्लैग : सूखा़ मुख्यमंत्री ने की बैठक, राज्य में खेती की स्थिति का लिया जायजा – कृषि मंत्री ने कहा, स्थिति बहुत अच्छी नहीं मुख्यमंत्री ने दिया निर्देश – सभी जिलों के डीसी टाॅस्क फोर्स बना कर 15 तक प्रखंडवार रिपोर्ट और तसवीर सौंपें – किसानों को केसीसी के माध्यम […]
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