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जिले में उधार पर चल रहे हैं फुटबॉल व हॉकी सेंटर

जिले में उधार पर चल रहे हैं फुटबॉल व हॉकी सेंटर खिलाड़ियों को मार्च 2014 से ही नहीं मिला है किसी भी मद में आवंटनखिलाड़ियों के समक्ष भोजन की समस्यादुकानदारों ने अब उधार देना बंद कियाजिले में हॉकी के तीन व फुटबॉल के चार सेंटर हैंजानकारों ने पूरे राज्य की यही स्थितिमेडिकल के नाम पर […]

जिले में उधार पर चल रहे हैं फुटबॉल व हॉकी सेंटर खिलाड़ियों को मार्च 2014 से ही नहीं मिला है किसी भी मद में आवंटनखिलाड़ियों के समक्ष भोजन की समस्यादुकानदारों ने अब उधार देना बंद कियाजिले में हॉकी के तीन व फुटबॉल के चार सेंटर हैंजानकारों ने पूरे राज्य की यही स्थितिमेडिकल के नाम पर कोई आवंटन नहींरविकांत साहू, सिमडेगाजिले में हॉकी के तीन तथा फुटबॉल का एक सेंटर पिछले ढेड़ वर्ष से अधिक समय से उधर पर चल रहे हैं. इससे यहां के खिलाड़ियों के समक्ष भोजन की समस्या उत्पन्न हो गयी है. दुकानादरों ने भी उधार देना बंद कर दिया है. जानकारी के मुताबिक जिला मुख्यालय स्थित एसएस प्लस टू बालिक स्कूल में फुटबॉल, एसएस बालिका स्कूल में हॉकी, सेंट मेरीज प्लस टू स्कूल में हॉकी तथा लचरागढ़ संत अन्ना स्कूल में हॉकी सेंटर चल रहे हैं. सभी सेंटरों में 25-25 सीटें हैं. जानकारी के मुताबिक मार्च 2014 से ही सरकार की ओर से इन सेंटरों को किसी प्रकार का कोई आवंटन नहीं भेजा जा रहा है. भुगतान की उम्मीद में सेंटर के संचालकों ने बाजार से भोजन के सामान उधार लेकर खिलाड़ियों को खाना खिलाया, लेकिन अब दुकानदारों ने भी उधार देना बंद कर दिया है. जिले के सभी चार सेंटरों पर बाजार का लगभग 40 लाख रुपये से भी ज्यादा का बकाया हो गया है. सूत्रों के मुताबिक जून 2015 में एक टेंडर निकाला गया था, जिसमें प्रत्येक खिलाड़ी को भोजन कराने के लिए 100 रुपये निर्धारित किया गया था, लेकिन इसमें किसी भी संवेदक ने भाग नहीं लिया. इधर सूत्रों के अनुसार सरकार ने प्रति खिलाड़ी भोजन के लिए 175 रुपये निर्धारित किया है, किंतु टेंडर अब तक नहीं निकाला गया है. फोटो: 7 एसआईएम: 2- वीणा केरकेट्टाअब सेंटर चलाना मुश्किल हो गया है. मार्च 2014 से सरकार द्वारा किसी प्रकार आवंटन नहीं दिया गया है. अपनी सैलरी भी खिलाड़ियों को भोजन कराने में लगा दिया. बाजार में सेंटर का लगभग 10 लाख रुपये से भी ज्यादा बकाया हो गया है. दुकानदारों ने उधर देना बंद कर दिया है. अब तो बाजार में भी जाने में शर्म आती है. भोजन आदि की समस्या के कारण ही दो खिलाड़ी यहां से टीसी लेकर अन्यत्र चले गये. यहां जिला खेल पदाधिकारी का पद भी रिक्त पड़ा है. वीणा केरकेट्टा, फुटबॉल कोच, एसएस प्लस टू स्कूलखिलाड़ियों के समक्ष खाने के लाले पड़ गये हैं. पौष्टिक भोजन की बात करना बेमानी होगी. किसी प्र्रकार दाल-भात व सब्जी खाकर दिन गुजार रहे हैं. कभी-कभी तो मध्याह्न भोजन खाकर दिन गुजारना पड़ता है. सरकार उनकी समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रही है. एलेक्स टोप्पो, खिलाड़ीबाक्समार्च 2014 से पौष्टिक भोजन नसीब नहीं हुआ है. बाजार से उधार नहीं मिलने के कारण अब अपने-अपने घरों से किसी प्रकार चावल लाकर गुजारा कर रहे हैं. हॉस्टल में भी अव्यवस्था है. बिजली नहीं है. वायरिंग नष्ट हो चुके हैं. सोलर लाइट से किसी प्रकार पढ़ाई कर रहे हैं. सलील, खिलाड़ी

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