हैदरनगर : हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र के हैदरनगर प्रखंड मुख्यालय का बुद्धुबिगहा गांव तक आने-जाने के लिए सड़क नहीं है. इस गांव की आबादी करीब 65 घरों की है. इसमें 20 मुसहर परिवार के लोग भी शामिल है. सदाबह नदी के किनारे बसे मुसहर परिवार में एक भी व्यक्ति पढ़ा लिखा नहीं है. उन्हें सरकार की किसी योजना का लाभ नहीं मिलता.
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नहीं मिल रहा है मुसहर जाति को योजनाओं का लाभ
हैदरनगर : हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र के हैदरनगर प्रखंड मुख्यालय का बुद्धुबिगहा गांव तक आने-जाने के लिए सड़क नहीं है. इस गांव की आबादी करीब 65 घरों की है. इसमें 20 मुसहर परिवार के लोग भी शामिल है. सदाबह नदी के किनारे बसे मुसहर परिवार में एक भी व्यक्ति पढ़ा लिखा नहीं है. उन्हें सरकार की […]
सिर्फ दो लोगों को प्रधानमंत्री आवास व शौचालय मिला है. अन्य लोग झोपड़ीनुमा मकान बनाकर रहते हैं. उनका पेशा जंगलों से कंद मूल लाना, सांप पकड़ने के अलावा लकड़ियां चुन कर बेचना है. इस गांव में मुसहर परिवार में सिर्फ एक परिवार को जविप्र का लाभ मिलता है. अन्य का कार्ड नहीं बना है. गांव में आंगनबाड़ी केंद्र या स्कूल भी नहीं है. गांव की महिलाओं ने बताया कि गांव से आने जाने का उचित रास्ता भी नहीं है. आंगनबाड़ी केंद्र काफी दूर है. विद्यालय भी दूसरे गांव में है. वह अपने छोटे बच्चों को कहां भेजें. मुसहर जाति के एक भी व्यक्ति साक्षर नहीं हैं. वह पढ़ाई का महत्व भी नहीं जानते.
उनके साथ-साथ काम पर बड़े बच्चे चले जाते हैं. छोटे बच्चे दिन भर इधर-उधर भटकते रहते हैं. उनसे बात करने पर वह बताते हैं कि सरकार तो सबकुछ बड़े लोगों के लिए करती है. हमलोगों को कौन पूछता है. पंचायत के मुखिया कमलेश सिंह से जानकारी लेने पर उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास के लिए ग्राम सभा के माध्यम से सभी का नाम भेजा गया है. सूची बनकर आने पर उन्हें अवास मिलेगा. जविप्र का के लिए उनका आवेदन प्रखंड के माध्यम से भेजा गया है. उन्होंने बताया कि उन्होंने स्कूल व आंगनबाड़ी की मांग उच्चाधिकारियों से की है.
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