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इंसानियत के मसीहा हैं इमाम हुसैन
जुलूस के साथ चेहल्लुम संपन्न हुसैनाबाद : कर्बला के प्यासे शहीद हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों के चेहल्लुम पर हुसैनाबाद सदर इमामबाड़ा से ताजियों के साथ गुरुवार को जुलूस निकाला गया. कर्बला के मैदान में शहादत के बाद हजरत इमाम हुसैन व उनके सगे सबंधियों के पवित्र शव को कफन तक नहीं दिया […]
जुलूस के साथ चेहल्लुम संपन्न
हुसैनाबाद : कर्बला के प्यासे शहीद हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों के चेहल्लुम पर हुसैनाबाद सदर इमामबाड़ा से ताजियों के साथ गुरुवार को जुलूस निकाला गया. कर्बला के मैदान में शहादत के बाद हजरत इमाम हुसैन व उनके सगे सबंधियों के पवित्र शव को कफन तक नहीं दिया गया और उन्हें तपती जमीन पर छोड़ दिया गया. चालीस दिनों के बाद उनके पवित्र शव को सुपुर्द-ए-खाक किया गया.
उसी की याद में चेहल्लुम मनाया जाता है. हुसैनाबाद का चेहल्लुम ऐतिहासिक रहा है. दूर-दूर से लोग चेहल्लुम के जुलूस में शामिल होते हैं.
चेहल्लुम का मुख्य कार्यक्रम वक्फ वासला बेगम सदर इमामबरगाह में आयोजित किया गया तथा जुलस-ए-अजा निकाला गया. जुलूस में अलम, सिपर ,ताबूत, जुलजनाह के साथ शिया समुदाय के लोग कर्बला की ओर निकले. जुलूस शहर के महात्मा गांधी चौक पर पहुंचने के बाद लोगों ने खूनी मातम ,ब्लेड ,जंजीर ,कमा से अपने शरीर को खुन से लहु-लुहान कर दिया और हुसैन की सदा लगाते हुए मधुशाला रोड ,जपला-हैदरनगर रोड ,दातानगर होते हुए कर्बला में पहुंचकर पहलाम किया गया. जुलूस में बूढ़े-जवान व कई छोटे बच्चे बड़ी संख्या में शामिल थे.
प्रशासन था चौकस
चेहल्लुम जुलूस के दौरान हुसैनाबाद पुलिस प्रशासन पुरी तरह मुस्तैद देखी गयी. जगह-जगह चौक चौराहों पर सुरक्षा को लेकर पुलिस तत्पर देखी गयी.हुसैनाबाद अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी जुलूस को लेकर काफी सक्रिय देखे गये. वहीं थाना प्रभारी जुलूस के साथ-साथ देखे गये.
मजलिस का आयोजन
इमाम हुसैन की चेहल्लुम के अवसर पर मातमी जुलूस के दौरान शहर के गांधी चौक के समीप एक मजलिस का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता व संचालन सैयद अरसी हुसैन ने किया.
मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना तहजीबुल हसन ने कहा कि हुसैनी जहां भी रहते हैं, वे अपने देश की प्रति वफादार रहते हैं. उन्होंने कहा कि इमाम हुसैन सिर्फ धर्म के मसीहा नहीं, बल्कि इंसानियत के मसीहा का नाम है. भारत में रहने वाले मुसलमान क्यों ना अपने मुल्क के प्रति वफादार हो. क्योंकि हुसैन को इस भारत में आने की इच्छा थी. मौके पर मौलाना सैयद मुसवी रजा ,प्यारे बाबू ,सैयद फिरोज आलम ,जक्की हुसैन रिजवी,साबीर रजा के अलावा कई लोग मौजूद थे.
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