इस घटना में कई मजदूरों की जान चली गयी थी. मृतक कंचन कुमार का शव शनिवार की सुबह पांच बजे के करीब घर पहुंचा. शव के पहुंचते ही घरों में कोहराम मच गया और गांव में मातम छा गया. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. कंचन घर का बड़ा बेटा था और एकमात्र कमाने वाला था. वह दशहरा बिता कर कमाने के लिए यूपी गया था. जहां इस भीषण दुर्घटना में उसकी मौत हो गयी.
वह अविवाहित था. कंचन के बाद उस घर में उसकी मां, एक 18 साल का छोटा भाई तथा 16 साल की एक बहन है. सभी का रो-रो कर बुरा हाल है. एक वर्ष पूर्व कंचन के पिता का भी देहांत बीमारी के कारण हो गया था. इससे सारी जिम्मेवारी कंचन के कंधे पर ही थी.