इस बार महुआ की पैदावार अच्छी हुई है
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महुआ के पेड़ों से होगी धन की बारिश
इस बार महुआ की पैदावार अच्छी हुई है लोहरदगा : जिले में इन दिनों महुआ के वृक्षों में बहार आई हुई है. महुआ के वृक्ष रसीले सफेद फूलों से लदे हुए हैं. महुआ के वृक्षों से महुआ फूल लगातार टपक रहे हैं, जिन्हें चुनने और इकट्ठा करने में ग्रामीण महिला पुरुष दिन भर लगे हुए […]
लोहरदगा : जिले में इन दिनों महुआ के वृक्षों में बहार आई हुई है. महुआ के वृक्ष रसीले सफेद फूलों से लदे हुए हैं. महुआ के वृक्षों से महुआ फूल लगातार टपक रहे हैं, जिन्हें चुनने और इकट्ठा करने में ग्रामीण महिला पुरुष दिन भर लगे हुए हैं. कैरो प्रखंड के ग्राम पंचायत हनहट, गजनी, गुड़ी, नरौली के अलावा लोहरदगा जिला के अन्य गांवों में आज हजारों लोग महुआ चुन कर अपना जीवन यापन करते हैं. आज ग्रामीण स्तर पर लोग महुआ चुन कर बाजारों में बेचने ले जाते हैं. ग्रामीण काफी डरे सहमे महुआ बेचने बाजार जाते हैं, वही व्यापारी खुले आम महुआ का कारोबार करते हैं. बाजारों में महुआ के फूलों की खूब मांग होती है.
ग्रामीणों को इसकी बेहतर कीमत भी मिल रही है. जिले के सभी प्रखंडों के टांड़ और वन्य क्षेत्रों में बहुतायत मात्रा में महुआ के वृक्ष हैं. इस बार महुआ की पैदावार भी बेहतर हुई है. ग्रामीणों का कहना है कि इस बार महुआ के वृक्षों से धन की बारिश हो रही है. महुआ के वृक्षों से हो रही इस धन वर्षा से ग्रामीणों में काफी खुशी देखी जा रही है. महुआ के वृक्ष दो फसलीय है. इसके फूलों के बाद इसमें डोरही के फल लगेंगे. डोरही की भी बाजार में खूब मांग है एवं इसका भी बाजार में बेहतर कीमत मिलती है. महुआ फूल की तरह डोरही भी बहुउपयोगी है. इसका उपयोग औषधि के अलावा खाद्य तेल और सौंदर्य प्रसाधन के निर्माण में होता है. ग्रामीण क्षेत्र के लोग डोरही तेल का उपयोग विभिन्न तरह के पकवान बनाने में करते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इस तेल से छने खाद्य सामग्री खाने से शरीर स्वस्थ रहता है. महुआ के फूलों एवं फलों के पशु पक्षी भी मुरीद हैं. महुआ के फूल लगते ही इसके वृक्ष पक्षियों के चहचहाहट से गुलजार हो उठता है. महुआ के फूलों को खाने के लिए विविध वन्य प्राणी और पालतू पशु इसके वृक्ष के नीचे मंडराने लगते हैं. महुआ चुनने के क्रम में ग्रामीणों द्वारा महुआ वृक्षों के आसपास आग लगा दिया जाता है जिससे जंगलों को काफी नुकसान पहुंचता है. आग लगाने से जहां पेड़ पौधे जल कर नष्ट हो जाते हैं वहीं वन्यजीवों की भी हानि होती है. आग की लपेटों से आसपास के घास एवं छोटे मोटे पौधे जल जाते हैं. इसको लेकर लोग धीरे धीरे जागरूक होने लगे हैं.
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