लोहरदगा : जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा विधिक दिवस के अवसर पर लोक अदालत सह विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन सदर प्रखंड के रामपुर गांव में किया गया. जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने भाग लिया.
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव एसएन सिंह ने बताया कि विधिक दिवस आज मनाया जाता है. भारत के संविधान में जनता का विकास सर्वोच्च है. जनता के द्वारा चुने गये प्रतिनिधि ही कानून बनाते हैं. जिसकी विवेचना समय-समय पर न्यायालय द्वारा की जाती है.
डॉ भीमराव राम अंबेदकर को संविधान के जनक के रूप में जाना जाता है. प्रत्येक व्यक्ति को विधि के द्वारा समान अधिकार दिये गये हैं. भारतीय संविधान द्वारा जीने का अधिकार प्रेस की आजादी, व्यक्ति को विधिक सहायता उपलब्ध कराना, न्यायालय की स्वतंत्रता और कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका की शक्तियों को डायन-बिसाही अधिनियम, सती प्रथा, उन्मूलन अधिनियम, बेगार प्रथा उन्मूलन अधिनियम जैसे कानून को बनाया गया है.
मौके पर स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष रोशन लाल शर्मा ने बताया कि विधिक सेवा प्राधिकार लोहरदगा की तरफ से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति, महिला आदि को मुफ्त में कानूनी सहायता उपलब्ध करायी जाती है.
किसी भी तरह का कागजात जो न्याय हित में जरूरी हो उसे उपलब्ध कराया जाता है. किसी तरह के पीड़ित पक्षकार जिला विधिक सेवा प्राधिकार में संपर्क कर सकते हैं. उन्हें समुचित सहायता, सुविधा दी जायेगी. मौके पर अधिवक्ता ए सिंह सहित ग्रामीण मौजूद थे. चलंत लोक अदालत में 50 से ज्यादा आवेदन को निष्पादन किया गया.