लोहरदगा : लोहरदगा जिले से 12 मजदूरों को चंडीगढ़ ले जाया जा रहा था. जिसमें दो बच्चे भी शामिल थे. इन मजदूरों को मजदूरी का काम दिलाने के नाम पर वकील भगत चंडीगढ़ ले जा रहा था.
मजदूरों को अन्य प्रदेशों में ले जाने के लिए श्रम अधीक्षक कार्यालय से रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है, जबकि वकील भगत ने किसी भी मजदूर का निबंधन नहीं कराया था.
होप संस्था की मनोरमा एक्का की नजर इन मजदूरों पर पड़ी. पूछताछ करने पर पता चला कि मजदूरों को बिना निबंधन के ले जाया जा रहा है. सभी मजदूरों को मनोरमा एक्का थाने में भिजवायी तथा श्रम अधीक्षक से मजदूरों के निबंधन के संबंध में जानकारी मांगी. इस पर श्रम अधीक्षक ने किसी भी मजदूर के निबंधन नहीं होने की
बात बताया.
मजदूरों को ले जाने वाला वकील भगत को पुलिस ने लोहरदगा जेल भेज दिया. चंडीगढ़ ले जाने वाले मजदूरों में सीताराम असुर (20 वर्ष), विनोद उरांव (12 वर्ष), अशोक खेरवार (27 वर्ष), राजेंद्र भगत (22 वर्ष), महिंद्र असुर (12 वर्ष), सीताराम खेरवार (18 वर्ष), केश्वर खेरवार (12 वर्ष), विशुन असुर (17 वर्ष), सुशील लोहरा (35 वर्ष), बुद्धेश्वर खेरवार (17 वर्ष), बाटुल भगत (19 वर्ष) तथा चीना उरांव (40 वर्ष) शामिल हैं.