लोहरदगा : भारतीय जनता पार्टी की जिला इकाई ने कृषकों के समक्ष उत्पन्न समस्या एवं आने वाले दिनों में होने वाली दिक्कतों को लेकर समाहरणालय के समक्ष धरना दिया गया. मौके पर भाजपा किसान मोरचा के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि अगस्त माह अंतिम चरण में है और किसान हताश हैं.
जबकि हेमंत सोरेन की सरकार आकलन करने में व्यस्त है. ऐसे में वैकल्पिक खेती की बात करना बेमानी सी है. ऐसे समय में किसानों को एकड़–दर–एकड़ नकद भुगतान कर ही राहत पहुंचायी जा सकती है. उन्होंने कहा कि भाजपा किसान मोरचा ने राजभवन के समक्ष धरना के माध्यम से अकाल एवं सूखा से पूरे राज्य के जूझने की स्थिति से समय रहते अवगत कराया था.
और किसानों के हित से संबंधित ज्ञापन दिया गया था. वैकल्पिक खेती के नाम पर घोटालों का अवसर हेमंत सोरेन की सरकार ने दे दी है. किसानों के फसल बीमा की राशि का सरकार समय पर सही अनुपात में भुगतान करे. जिलाध्यक्ष राकेश प्रसाद ने कहा कि लोहरदगा जिला में वर्षा समय से नहीं हो पाने के कारण कृषक हलकान है.
आत्मसंतुष्टि के लिए बिचड़े की बुआई की जा रही है. जिससे धान का उत्पादन मात्र में होना संभव नहीं है. ऐसी परिस्थिति में सरकार की नीति स्पष्ट नहीं है. नवीन कुमार टिंकू ने कहा है कि सरकार द्वारा किसानों के अनुदानित मूल्य पर सिंचाई हेतु पंप सेट दिये जाते हैं.
लेकिन अनुदानित दर पर इंधन की व्यवस्था नहीं होने के कारण पंप सेट से सिंचाई करना महंगा साबित होता है. डीजल आधारित सिंचाई पंप वितरण के समय ही किसानों को अनुदानित दर पर तेल उपलब्ध कराने की व्यवस्था होनी चाहिए. राजकुमार वर्मा ने कहा कि लोहरदगा बॉक्साइट की नगरी नहीं, अपितु कृषक नगरी है.
यहां कि अर्थव्यवस्था कृषि आधारित है. मनीर उरांव ने कहा कि किसानों को उचित लाभ देने की व्यवस्था की जाये. मौके पर राजकिशोर महतो, नीरज कुमार नलीन, लक्ष्मीनाराण भगत, विनोद केरकेट्टा, श्रीचंद्र प्रजापति, धीरज प्रसाद साहू, राजीव रंजन उरांव, राजकिशोर साहू, अरविंद पाठक, मीना बाखला, राजेंद्र महतो, सुदामा प्रसाद, बालकृष्णा सिंह, मोहन साहू, अनुप लाल शाहदेव, अखज प्रजापति, अरविंद पाठक आदि मौजूद थे. धरना के पश्चात भाजपाइयों ने सात सूत्री मांग पत्र राज्यपाल के नाम उपायुक्त को सौंपा.